नई दिल्ली। प्राईवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों को मोदी सरकार बड़ा तोहफा देने जा रही है। अब निजी क्षेत्र के कर्मचारियों की करमुक्त ग्रेच्युटी अब 10 लाख से बढ़कर 20 लाख रुपये हो जाएगी। इसके साथ ही मातृत्व अवकाश की अवधि भी अब 12 हफ्ते से बढ़ाकर 26 हफ्ते की हो जाएगी। गुरुवार को लोकसभा में दो विधेयक पास कर दिए हैं अब इन्हें राज्यसभा में मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
लोकसभा में भारी हंगामे के बीच ग्रेच्युटी (संशोधन) विधेयक और मातृत्व लाभ (संशोधन) विधेयक-2017 को पारित कर दिया गया हालांकि कांग्रेस और वामदलों ने इसपर कड़ी आपत्ति भी जताई है। श्रममंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने और निजी क्षेत्र में बड़ी संख्या के लोगों के काम करने की वजह से इस बिल को लाना जरूरी था। महिलाओं के लिए मातृत्व लाभ अधिनियम के तहत महिलाओं को महज 12 हफ्ते की छुट्टी का प्रावधान था। अब इसे बढ़ाकर अब 26 सप्ताह कर दिया गया है।
सरकार ने औपचारिक क्षेत्रों में 5 या इससे अधिक समय तक नौकरी करने वालों को नौकरी छोड़ने या सेवानिवृत्त होने के बाद 10 लाख के बजाय 20 लाख रुपये तक का करमुक्त ग्रेच्युटी देने का प्रावधान किया है। सरकार के इस फैसले का लाभ फैक्टरियों, खनन, तेल क्षेत्र, बंदरगाहों, रेलवे कंपनियों, दुकानों या अन्य निजी प्रतिष्ठानों में काम करने वाले कर्मचारियों को मिलेगा।