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- कैफे की एक दिन की इनमक 10 हजार, बैंक में जमा होती है राशि
- बैंक से ही सभी को मिलता है वेतन
थूथुकुडी: 12 दिव्यांग कलेक्टर संदीप नंदूरी के पास नौकरी मांगने पहुंचे थे. दिव्यांगों से बातचीत के दौरान डीएम उनसे प्रभावित हुए और उन्हें कलेक्ट्रेट परिसर में ही कैफे खुलवाने का प्रस्ताव दिया. सभी दिव्यांग मान गये और थूथुकुडी कलेक्टर ऑफिस के कैंपस में कैफे एबल खोल दिया. इस ‘कैफे एबल’ से 12 दिव्यांगों को रोजगार मिला है.अब यहां 12 दिव्यांग काम कर रहे हैं.
12 में से 11 लोकोमोटर दिव्यांग हैं. उनके पैर चलने-फिरने की हालत में नहीं. बकि एक को सुनाई नहीं देता. डीएम संदीप नंदूरी अक्सर ‘कैफे एबल’ में अपनी मीटिंग करते हैं. खाना भी खाते हैं.
सभी को गर्वमेंट सर्विस देना संभव नहीं
डीएम संदीप नंदूरी का कहना है कि उन्हें अक्सर दिव्यांगों से नौकरियों के लिए आवेदन मिलती थी. सभी को सरकारी नौकरी देना संभव नहीं है. इसलिए हमने एक कैफे खोलने के विचार के साथ उन्हें अपना उद्यम चलाने में सक्षम बनाने का फैसला किया. कैफे की एक दिन की कमाई 10 हजार रुपये हैं. कैफे की कमाई बैंक में जमा होती है. बैंक से ही दिव्यांगों को वेतन दिया जाता है.