- राशि के हिसाब से सूर्य ग्रहण का असर पड़ेगा।
- एक साथ दो खगोलीय घटनाएं हो रही हैं।
- 21 जून वर्ष का सबसे बड़ा दिन है।
- रविवार का दिन भी है और इसी बड़े दिन पर सूर्य ग्रहण भी लग रहा है।.
धनबाद :-21 जून को साल का सबसे बड़ा सूर्य ग्रहण लग रहा है। यह न तो आंशिक और न ही पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा। चंद्रमा की छाया सूर्य का लगभग 98.8 फीसद ही भाग ढकेगी। इसके कारण आसमान में सूर्य एक आग की अंगूठी की तरह दिखेगा। इससे पहले 24 अक्टूबर 1995 में ऐसा ग्रहण लगा था। लगभग 25 वर्षों बाद ऐसा ग्रहण लगने जा रहा है। खड़ेश्वरी मंदिर के पुरोहित बबलू पंडित के अनुसार राशि के हिसाब से सूर्य ग्रहण का असर पड़ेगा। एक साथ दो खगोलीय घटनाएं हो रही हैं। 21 जून वर्ष का सबसे बड़ा दिन है। रविवार का दिन भी है और इसी बड़े दिन पर सूर्य ग्रहण भी लग रहा है। रविवार सूर्य देवता की उपासना के दिन के तौर पर जाना जाता है। एक अनुमान के अनुसार दिन में ही अंधेरा होने का अहसास होगा।
*एक साथ दो खगोलीय घटनाएं*
सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है जिसमें चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी एक सीध में आने से यह घटना घटित होती है। लेकिन ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है। 21 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण दूसरा ग्रहण होगा, इसके पहले इसी महीने की पांच जून को भी चंद्र ग्रहण लगा था। 21 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण सुबह 10 बजकर 13 मिनट से आरंभ हो जाएगा। दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर सूर्य ग्रहण का प्रभाव चरम में होगा। धनबाद में सुबह दस बजकर 40 मिनट से दोपहर दो बजकर 13 मिनट तक इसका असर रहेगा।
*सूर्य ग्रहण को कंकण सूर्य ग्रहण कहा जाएगा*
21 जून को होने वाला सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य एक चमकते हुए कंगन की भांति दिखाई देगा। इसलिए इस सूर्य ग्रहण को कंकण सूर्य ग्रहण कहा जाएगा। ग्रहण के दौरान जब पृथ्वी और सूर्य के बीच चंद्रमा आ जाएगा, तब चंद्रमा सूर्य की रोशनी पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाएगी। ऐसे में सूर्य सोने की अंगूठी की तरह दिखाई देगा। यह ग्रहण वलयाकार होगा जिमसें चांद सूरज को पूरी तरह से ढक नहीं पाएगा। अगर चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से ढक लेता तो यह पूर्ण सूर्य ग्रहण कहलाता। इस वलयाकार सूर्य ग्रहण में चंद्रमा 30 सेकंड के लिए ही सूर्य को ढक पाएगा।
ग्रहण से पहले शुरू हो जाएगा सूतक काल
सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक प्रभावी हो जाता है। ऐसे में 21 जून से पहले 20 जून की रात के 10 बजकर 13 मिनट से सूतक शुरू हो जाएगा और ग्रहण की सामाप्ति पर खत्म होगा। सूर्य ग्रहण में सूतक ग्रहण के स्पर्श होने से ठीक 12 घंटे पहले से प्रारंभ हो जाएगा। ऐसे में देश में ग्रहण का स्पर्श का समय अलग-अलग होने से सूतक का समय भी अलग-अलग होगा। सूतक काल में मंदिर के कपाट बंद रहते हैं। हालांकि धनबाद में मंदिर पहले से बंद हैं।