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रांची: पलामू जिले के पांकी में वर्ष 1998 में हुई पारसनाथ सिंह हत्याकांड मामले में बुधवार को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने फैसला सुनाया. कोर्ट ने मामले में तत्कालीन डीएसपी दीनानाथ रजक, इंस्पेक्टर देवलाल उर्फ देवीलाल प्रसाद, थाना प्रभारी सुरेंद्र प्रसाद और सब इंस्पेक्टर रुकसार अहमद को पांच-पांत साल की सजा सुनायी है. आरोपियों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.
कोर्ट ने फैसला सुनाने के बाद सभी दोषियों को बिरसा मुंडा सेंटल जेल भेजने का आदेश दिया. पलामू के पांकी थाना क्षेत्र के सीरम गांव निवासी पारसनाथ सिंह की हत्या वर्ष 1998 की जुलाई में पुलिसकर्मियों ने नक्सली बताकर कर दी थी. मामले की दिल्ली सीबीआई की टीम जांच कर रही थी. पारसनाथ सिंह की हत्या को लेकर उसकी पत्नी ने एफआईआर दर्ज करा पुलिसकर्मियों पर हत्या का आरोप लगाया था.पांकी थाना पुलिस सीरम गांव में वर्ष 1998 की जुलाई में पुलिस छापेमारी की थी. पुलिस पारसनाथ सिंह को गिरफ्तार की थी. पुलिसकर्मियों ने उसे नक्सली बताकर गिरफ्तार कर मारपीट करते हुए पुलिस चौकी पर ले आयी. पूछताछ के दौरान पारसनाथ के साथ पुलिस मारपीट की, जिससे उसकी मौत हो गयी. आनन-फानन में पुलिसकर्मियों ने उसे अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया