रांची. मुख्यमंत्री रघुवर दास वर्ष 2018-19 के बजट भाषण में राज्य के ग्रामीण इलाको, महिलाओ का जिक्र करते कहा कि राज्य की लगभग 76 प्रतिशत जनता गांवों में रहती है, जो कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्रों पर ही आर्थिक रूप से आश्रित है. राज्य की ग्रामीण जनता की आय 3 वर्षों में दोगुनी करने का लक्ष्य रखा गया है. कृषि, पशुपालन, सहकारिता, गव्य, मत्स्य, लाह, तसर, मुर्गी पालन, अण्डा उत्पादन, हस्तशिल्प, ऊर्जा एवं सिंचाई क्षेत्रों को समेकित रूप से अभिषरित करते हुए पहली बार वर्ष 2016-17 में अलग से कृषि बजट की परिकल्पना की गई थी. इसी क्रम में वर्ष 2017-18 में भी कृषि बजट 5,375.22 करोड़ रूपये का सदन में प्रस्तुत किया गया था. आगामी वित्तीय वर्ष 2018-19 में प्रस्तावित कृषि बजट 5,807.64 करोड़ रूपये है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 8.04 प्रतिशत अधिक है. आगामी वित्तीय वर्ष 2018-19 का कृषि बजट सदन में संदर्भित मांग पर चर्चा के दिन प्रस्तुत किया जायेगा.
रघुवर दास ने कहा की राज्य की आधी आबादी महिलाओं की है और झारखण्ड की महिलाओं की कार्य क्षमता पर हम सबको नाज है. सखी मण्डलों के माध्यम से उत्पादित की जा रही सामग्रियों जैसे – अण्डा, सब्जी, दूध, चादर, तौलिया, स्कूली गणवेश, हस्तशिल्प, तसर एवं लाह आधारित उत्पादों को स्केल-अप करके उनका विपणन स्थानीय बाजार तथा राज्य के स्कूलों, अस्पतालों, सरकारी कार्यालयों एवं बाजारों में सुनिश्चित किया जायेगा.
महिलाओं के कल्याणार्थ राज्य में महिला आधारित कार्यक्रमों को समेकित करते हुए वित्तीय वर्ष 2017-18 में जेंडर बजट कुल 7,684.51 करोड़ रुपये का तैयार किया गया था. आगामी वित्तीय वर्ष के लिए जेंडर बजट के रूप में 8,194.59 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है, जो गत वर्ष की तुलना में 6.64 प्रतिशत अधिक है. महिला एवं बाल विकास विभाग के मांगों पर विस्तृत चर्चा के दिन इसे सदन के समक्ष विचारार्थ प्रस्तुत किया जायेगा.
बजट भाषण के दौरान उन्होंने ने कहा कि राज्य में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की संख्या काफी है और इनके विकास के लिए अलग से रणनीति विकसित किए जाने की आवश्यकता है. राज्य सरकार इन्हें विकास की मुख्य धारा से जोड़ने हेतु कृत संकल्प है. इस वर्ष हमने जनजातीय विकास क्षेत्रों एवं अनुसूचित जातियों के विकास पर विशेष बल दिया है और इस प्रक्षेत्र पर किए जाने वाले बजटीय प्रावधानों को अलग से संकलित करके अनुसूचित जनजाति क्षेत्र तथा अनुसूचित जाति विकास बजट इस सदन में अलग से प्रस्तुत किया जायेगा.