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नई दिल्ली। भारत के लोगों का नागरिकता हासिल करना एक सपना हो सकता है। अमेरिका ने अपने एच1 बी वीजा नियमों में बदलाव कर दिया है। इन नियमों के बदलाव से अब अमेरिका में भारतीय इंजीनियरों की जरूरत कम हो जाएगी। गौर करने वाली बात है कि साल 1990 से पहले चीन और मैक्सिको के बाद भारत ऐसा तीसरा सबसे बड़ा देश है जहां के लोगों को अमेरिका की नागरिकता मिला करती थी।
अमेरिकी आंकड़ों के अनुसार पिछले 30 सालों में अमेरिका इस मामले में 2008 में सबसे ज्यादा उदार रहा है। साल 2008 में उसने 65,971 लोगों को नागरिकता दी थी जबकि 1995 से 2000 के बीच हर साल लगभग 12,00,00 कुशल कामगार अमेरिका जाते थे।
वहीं साल 2017 में अमेरिका ने 49,601 भारतीयों को नागरिकता दी है। साल 2014 में यह आंकड़ा काफी कम था और इस साल सबसे कम 37,854 भारतीयों को नागरिकता मिली थी। 2014 से 2017 के बीच इमिग्रेशन में भी काफी कमी आई है। इस मामले के जानकारों का कहना है कि एच-1 बी मामले को देखते हुए अब कंपनियां नीतियों में हुए बदलाव को ध्यान में रखते हुए काफी सावधानी बरत रही हैं। ऐसे में अमेरिका को अब कम पहले के मुकाबले कम भारतीय इंजीनियरों की जरूरत है।