IAS- IPS और IFoS के लिए नई काडर पॉलिसी: अब राज्य नहीं, जोन चुनना होंगे!
नई दिल्ली: केंद्र सरकार सरकार इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेस (IAS), इंडियन पुलिस सर्विसेस (IPS) और इंडियन फॉरेस्ट सर्विसेस (IFoS) के लिए नई काडर पॉलिसी ला रही है! इसका मकसद नेशनल इंटीग्रेशन को बढ़ावा देना है. नई पॉलिसी के तहत इन तीनों सर्विसेस के उम्मीदवारों को राज्य के बजाए अब जोन चुनने होंगे. केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय के मुताबिक- देश को एडमिनिस्ट्रेशन के लिहाज से पांच हिस्सों में बांटा जा रहा है. हालांकि, उम्मीदवारों के सामने इसमें भी ऑप्शन होंगे.
फिलहाल क्या सिस्टम
अभी इन तीनों सर्विसेस के अफसरों को कैडर स्टेट या फिर राज्यों का एक सेट दिया जाता है. इसमें ही उन्होंने काम करना होता है. इसी दौरान उन्हें केंद्र सरकार में डिप्यूटेशन पर भी भेजा जाता है. इसके लिए कुछ खास एलिजिबिलिटी पूरी करनी होती हैं.
नया क्या होगा?
फिलहाल, 26 काडर हैं. इन्हीं में इन अफसरों को अप्वॉइंट किया जाता है. इसकी जगह 5 जोन बनाए जाएंगे.
पांच जोन: किस में कौन से राज्य?
जोन एक :अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम, यूनियन टेरेटरीज.इनके अलावा जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, राजस्थान और हरियाणा.
जोन दो : उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और ओडिशा.
जोन तीन :गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़.
जोन चार :पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, मेघालय, मणिपुर, त्रिपुरा और नगालैंड.
जोन पांच : तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल.
क्या करना होगा?
नई पॉलिसी के तहत वो इन तीनों सर्विसेस के लिए अप्लाई करने वाले उम्मीदवारों को घटते क्रम (descending order) में अपने जोन बताने होंगे. इसके बाद उन्हें काडर के हिसाब से जोन चुनने होंगे.एक कैंडिडेट सभी 26 काडर भी चुन सकता है। बाद में जोन या काडर में किसी तरह का फेरबदल नहीं किया जा सकेगा.
एक ये ऑप्शन भी
अगर किसी उम्मीदवारों ने कोई प्रिफरेंस (जोन या काडर के बारे में) नहीं दिया तो ये माना जाएगा कि वो उसकी कोई च्वॉइस नहीं है. अगर किसी उम्मीदवार को कोई काडर नहीं दिया गया तो उसे दूसरे उम्मीदवारों से बचे हुए कैडर में से ही कोई दिया जाएगा. ये अल्फाबेटिकल ऑर्डर में तय किया जाएगा. साथ ही यहां ये भी देखा जाएगा कि उस जोन या कैडर में कोई वैंकेसी है भी या नहीं. उम्मीदवारों को उनका होम काडर मैरिट के बेस पर दिया जा सकता है. बशर्ते वहां उस कैटेगरी की वैंकेसीज हों। यह पॉलिसी इसी साल से लागू की जा सकती है.
क्या है मकसद?
सरकार ये तय करना चाहती है कि अगर कोई अफसर बिहार का है तो वो साउथ, नॉर्थ या ईस्ट के राज्यों में भी काम कर सके। हो सकता है कि ये उसकी पसंद ना हों. इसी अफसर ने आगे कहा- नई पॉलिसी के जरिए हम देश की अखंडता और एकता को बढ़ावा देना चाहते हैं. एक अफसर को उन राज्यों में भी काम करने का मौका मिलेगा जो उसके डोमिसाइल नहीं है.ये अफसर कहते हैं- आईएएस अफसर देश के कई राज्यों में काम करते हैं, उन्हें कई तरह के अनुभव होते हैं.अगर वो अपने डोमिसाइल स्टेट में रहकर ही काम करेंगे तो शायद वो नए एक्सपेरीमेंट्स नहीं कर पाएंगे.