जीटी रोड में है हार्डकोक भट्ठा, सीबीआइ कार्रवाई के बाद कोल लिंकेज हुआ था कैंसिल
धनबाद: बैंक मोड़ पुलिस ने कोल कारोबारी सह निशान वाहनों को शोरुम संचालक दीपक सांवड़िया उर्फ डब्बू सांवड़िया को शनिवार की शाम गिरफ्तार कर लिया. धैया चनचनी कॉलोनी निवासी दीपक की गिरफ्तारी शांति भवन, बैंकमोड़ स्थित ऑफिस से हुई. डब्बू पर भावेश कोमोट्रेड प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी का एक करोड़ 32 लाख रुपये की ठगी का आरोप है. मामले में कंपनी के डायरेक्टर कतरास निवासी त्रिलोकी सिंह ने बैंक मोड़ थाना में कांड संख्या 144-17 धारा 420, 416, 120 (बी) के तहत दीपक सांवड़िया, सुनील सांवड़िया व माणिक तिवारी के खिलाफ बैंकमोड़ थाना में केस दर्ज कराया था. जबकि सुनील व माणिक मामले में फरार चल रहे हैं. धनसार थाना में भी डब्बू के खिलाफ 89 लाख की धोखाधड़ी की केस दर्ज है.
बैंक मोड़ पुलिस कई माह पूर्व ही डब्बू के खिलाफ कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट हासिल कर ली थी. आरोप है कि पुलिस पॉलिटिकल प्रेशर के कारण डब्बू पर हाथ नहीं डाल रही थी. झारखंड बीजेपी के एमपी व एमएलए से डब्बू इस दौरान पुलिस पर दबाव डलवाया था. डब्बू अपनी फेसबुक पर झारखंड बीजेपी के एमपी, एमएलए व अन्य लीडरों के साथ पश्चिम बंगाल के त्रिणमूल के एमपी के साथ साथ फोटो शेयर कर पॉलिटिकल पहुंच होने का दावा करता रहा. धनबाद कोर्ट व हाइकोर्ट में डब्बू की अग्रिम बेल की अरजी भी पहले ही खारिज हो चुकी थी. पॉलिटिकल रिलेशन के कारण डब्बू खुलेआम धनबाद में घूम अपना बिजनस कर रहा था. वह पुलिस अफसरों से भी मिलता जुलता रहता था.
डब्बू पर आरोप
बैंक मोड़ थाना में दर्ज एफआइआर में आरोप है कि दीपक ने भावेश कोमोट्रेड प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के डायरेक्टरों को विश्वास में लेकर अपने स्टाफ माणिक तिवारी को भी डायरेक्टर नामित करवा लिया. दीपक ने अपनी कोल कंपनी कृष्णा कोक प्राइवेट लिमिटेड में भावेश कोमोट्रेड प्राइवेट लिमिटेड के बैंक खाते से कर्मचारी माणिक तिवारी की मिलीभगत से एक करोड़ 32 लाख ट्रांसफर करवा लिया. कंपनी के किसी डायरेक्टर व शेयर होल्डरों को इसकी जानकारीनहीं दी गयी. भावेश कोमोट्रेड कंपनी में वर्ष 2014 में आयकर कार्यवाही हुई थी. दीपक सांवरिया व सुनील सावरिया ने इसका फायदा उठाकर अपने स्टाफ माणिक तिवारी के सहयोग से आरटीजीएस के माध्यम से अपनी कंपनी कृष्णा कोक प्राइवेट लिमिटेड के खाते से आरटीजीएस के माध्यम से राशि भावेश कोमोट्रेड के खाते में ट्रांसफर कर वापस कर दिया. अपने स्टाफ सह कंपनी डायरेक्टर माणिक तिवारी के हस्ताक्षर से 14 सेल्फ चेक द्वारा एक करोड़ 32 लाख रुपये की राशि अपनी कंपनी कृष्णा कोक के खाते में फिर से ट्रांसफर करवा ली. इसके बाद बाद कंपनी के डायरेक्टर त्रिलोकी सिंह ने बैंक मोड़ थाना में भावेश कोमोट्रेड प्राइवेट लिमिटेड की ओर से चार जुलाई को दीपक व माणिक के खिलाफ एफआइआर दर्ज करायी थी.
धनसार थाना में 89 लाख की धोखाधड़ी की एफआइआर
त्रिलोकी सिंह की ओर से दीपक के खिलाफ धनसार थाने में पिछले मई माह में 89 लाख की धोखाधड़ी व जालसाजी की एफआइआर दर्ज करायी गयी है. त्रिलोकी की ओर से दर्ज केस में उल्लेख है कि कोयले कारोबार में पूर्व परिचित होने के कारण दीपक सांवरिया ने साथ में जमीन का व्यवसाय करने की बात कह कोलकाता के सीए बजरंग अग्रवाल व विवेक अग्रवाल की भावेश कोमोट्रेड प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी नामित व हस्तानांतरित (खरीदवाया) करवाया. दीपक ने कहा था कि कंपनी में कोई कमी नहीं है और आयकर का भी कोई बकाया नहीं है. कंपनी नामित कराने में एक करोड़ खर्च की बात कही. बैठक में तय हुआ कि 89 लाख रुपये में कंपनी का मिलकाना हक दिलवाने की बात तय हुई. पैसे लेकर कंपनी को सुरेश अग्रवाल, योगेंद्र अग्रवाल व त्रिलोकी सिंह के नाम कर दी गयी. आरोप है कि दीपक ने उनलोगों को विश्वास में लेकर अपने स्टाफ माणिक तिवारी को भी डायरेक्टर बनवा दिया. वर्ष 2014 में सुरेश अग्रवाल व योगेंद्र अग्रवाल के यहां आयकर छापामारी हुई तो पत चला कि भावेश कंपनी में खामियां है. आयकर विभाग ने करोड़ों की पैनाल्टी मांग की. आयकर विभाग का वर्ष 2011-2012 में कंपनी पर 19 करोड़ 64 लाख का टैक्स बकाया था. इसकी जानकारी छुपाकर कंपनी हस्तानांतरित करायी गयी. मामले में त्रिलोकी सिंह ने मामले में भी दीपक के खिलाफ धनसार थाना में कांड संख्या112-17 के तहत केस दर्ज करायीजिसमें 89 लाख रुपये लेकर वैसी कंपनी देने का आरोप है जिस पर आयकर का करोड़ों रुपये बकाया था.