- टाटा जामाडोबा अस्पताल में 15 बेड का कोविड अस्पताल
- निजी अस्पतालों को भी तैयार रहने का निर्देश
धनबाद. धनबाद में कोरोना का बढ़ते संक्रमण के बीच दो नये कोविड अस्पताल शुरू करने की मंजूरी राज्य सरकार से मिली है. अब तीन स्थानों पर कोविड अस्पताल चलेगा. इसमें वर्तमान कोविड अस्पताल सेंट्रल हॉस्पिटल जगजीवन नगर के अलावा टाटा जामाडोबा अस्पताल में 15 बेड का अतिरिक्त कोविड वार्ड बनाया गया है. साथ ही पीएमसीएच कैथ लैब में दो सौ बेड का कोविड केयर सेंटर के लिए तैयारी तेज है. यहां पर डॉक्टर, नर्सिंग स्टॉफ की प्रतिनियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है.
धनबाद के निवर्तमान उपायुक्त अमित कुमार के प्रस्ताव पर राज्य स्वास्थ्य विभाग ने टाटा जामाडोबा अस्पताल में 15 बेड का कोविड अस्पताल बनाने की मंजूरी दे दी थी. जामाडोबा में कोविड अस्पताल के लिए डॉक्टर, नर्स तैनात भी हो चुके हैं. वहां के आइसीयू में भी कोविड मरीजों के लिए कुछ बेड रखा गया है. बिना लक्षण वाले मरीज कैथ लैब में होंगे शिफ्टकोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अब कोविड 19 मरीजों को अलग-अलग स्थानों पर रखा जायेगा. पीएमसीएच के इमरजेंसी के समीप बने कैथ लैब भवन को कोविड-19 केयर सेंटर के रूप में चालू करने की योजना है. फर्नीचर आ चुका है. कर्मी भी मिल चुके है. यहां पर वैसे पॉजिटीव मरीज रहेंगे जिनमें कोई लक्षण नहीं होगा या फिर वायरल लोड कम होगा. पहले चरण में यहां एक सौ बेड का केयर सेंटर होगा जो एक सप्ताह के अंदर चालू हो जायेगा. जबकि लक्षण वाले तथा ज्यादा वायरल लोड वाले मरीजों को सेंट्रल हॉस्पिटल या टाटा जामाडोबा हॉस्पिटल में शिफ्ट किया जायेगा. 33 वेंटीलेटर, 145 आइसीयू व 45 सीसीयू में बेड हैएक सौ बेड वाले कोविड-19 अस्पताल में सिर्फ चार वेंटीलेटर है. इसी व्यवस्था में स्वास्थ्य विभाग कोरोना से जंग जीतने की तैयारी में है. जिले में कुल वेंटीलेटर की संख्या 33, आइसीयू में 145 तथा सीसीयू में 45 बेड है. यह आंकड़ा जिला के सभी सरकारी व निजी अस्पतालों को मिला कर है. जरूरत पड़ने पर इनका उपयोग किया जा सकता है. पीएमसीएच में सात, सेंट्रल अस्पताल में चार, एशियन जालान अस्पताल में सात, पाटलीपुत्र नर्सिंग होम में दो, अशर्फी अस्पताल में सात, प्रगति नर्सिंग होम में चार, ज्योति भूषण हॉस्पिटल में दो वेंटीलेटर हैं. 81 आइसोलेशन बेड है : रेलवे अस्पताल में 42, पीएमसीएच में 20, जालान अस्पताल में तीन, असर्फी अस्पताल में चार, पाटलीपुत्र नर्सिंग होम में चार, प्रगति नर्सिंग होम में छह, नामधारी अस्पताल में दो आइसोलेशन बेड है. इसके अलावा जरूरत पड़ने पर सीएचसी व पीएचसी में भी आइसोलेशन वार्ड बनाने की योजना है. क्या कहते हैं एक्सपर्टडॉक्टर एनके सिंह कहते हैं कि कोरोना ने रफ्तार पकड़ ली है. बाहर से लोगों के लौटने के बाद संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. यही स्थिति रही तो अस्पताल में बेड कम पड़ जायेंगे और लोगों को दिल्ली की तरह अपने घरों में रहकर इलाज कराना होगा. जुलाई और अगस्त का महीना खतरनाक हो सकता है. ऐसे में लोगों को सावधान रहने की जरूरत है. आने वाले दिनों में घर पर ही इलाज कराने की स्थिति बन सकती है. आइसीएमआर की गाइडलाइन भी है कि जिसमें कोई लक्षण नहीं हैं, उन्हें घर पर ही 10 दिनों तक रखना है. साथ ही जांच बढ़ाने के लिए एंटीजन टेस्ट शुरू करानी होगी. 450 रुपए प्रति टेस्ट खर्च आता है.