विधायक- पूर्व मेयर की लड़ाई की भेंट चढ़ी 400 करोड़ की योजना
धनबाद : पूर्वी भारत का पहला ऐट लेन सड़क की योजना के धनबाद में पूर्ण होने पर ग्रहण लग गया है. धनबाद विधायक राज सिन्हा एवं पूर्व मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल की लड़ाई से इस योजना पर ग्रहण लग गया है. अब सड़क के लिए विश्व बैंक से मिले कर्ज से धनबाद शहर में फ्लाइओवर बनाने की तैयारी शुरू हो गयी है.
क्या है बिग कंट्रोवर्सी
धनबाद के निवर्तमान मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल ने कांको मठ से गोल बिल्डिंग (भुईफोड़) तक ऐट लेन (आठ लेन) सड़क बनाने की योजना बनायी. इसके लिए राज्य सरकार से डीपीआर को मंजूरी दिलायी गयी. फिर विश्व बैंक से लगभग चार सौ करोड़ रुपये कर्ज लिया गया. ताम-झाम के साथ इसका निर्माण शुरू हुआ. धनबाद विधायक राज सिन्हा ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि शहर को पहले फ्लाइओवर की जरूरत है. जिस सड़क को आठ लेन बनाया जा रहा है. उसमें उतनी ट्रैफिक नहीं है. जबकि तत्कालीन मेयर का कहना था कि इस सड़क के बनने से शहर में ट्रैफिक लोड घटेगा. धनबाद से बोकारो, रांची जैसे जाने के लिए लोग मुख्य शहर की बजाय इस आठ लेन सड़क से निकल जायेंगे.
सरकार बदलते ही बदली स्थिति

धनबाद के एमएलए व पूर्व मेयर
रघुवर सरकार में मेयर जो चाहते थे वही होता था. उनकी बातों को काटने की हिम्मत किसी अधिकारी में नहीं थी. लेकिन, दिसंबर 2019 के चुनाव में भाजपा को सत्ता गंवानी पड़ी. हेमंत सोरेन के नेतृत्व में गठबंधन सरकार ने सत्ता संभाली. इसके बाद धनबाद नगर निगम सरकार के निशाने पर आयी. पूर्व सीएम के खासमखास माने जाने वाले मेयर के काम-काज की जांच होने लगी. पिछले सप्ताह राज्य सरकार ने आठ लेन सड़क का काम रुकवा दिया. जानकारों की मानें तो विभाग अब आठ लेन सड़क की राशि से ही शहर में फ्लाइओवर बनायेगा. फ्लाइओवर की लागत लगभग तीन सौ करोड़ रुपये आने की उम्मीद है. जबकि आठ लेन सड़क को सिर्फ चलने लायक हालत में लिया जायेगा.