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नई दिल्ली। बिटक्वाइन जैसी आभासी मुद्रा भी चलन में आई है। सरकार ने पहले ही इसमें निवेश करने से लोगों को मना कर दिया है। अब केंद्र सरकार इस आभासी मुद्रा में निवेश करने वालों के खिलाफ धनशोधन कानून के तहत कार्रवाई की तैयारी कर रही है, जिसमें 3 से 7 साल तक जेल का प्रावधान होगा।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट पेश करते हुए आभासी मुद्राओं को गैरकानूनी बताया था इसके बाद मंत्रालय भी इस पर सतर्क हो गया है। वित्त मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि इदीरियम, रिपल, बिटक्वाइन जैसी आभासी मुद्रा को लेकर पहले यह स्पष्ट नहीं था कि किस कानून के तहत कार्रवाई हो लेकिन इसे गैरकानूनी घोषित करने के साथ सरकार ने इसे धनशोधन कानून के दायरे में लाने की सैद्धांतिक सहमति दे दी है।
अब लाए गए वित्त विधेयक में आभासी मुद्रा से की गई कमाई देश के बाहर छिपाने पर मुकदमा चलाने का प्रस्ताव है। इस कानून में 3 से 7 साल तक सजा और जुर्माने का भी प्रावधान है। सरकार द्वारा इस मुद्रा को गैरकानूनी घोषित करने के बाद इसमें निवेश करने वालों के प्रति सरकार की जवाबदेही हर तरह से खत्म हो गई है। बिटक्वाइन को गैरकानूनी घोषित करने के बाद उसकी कीमतों में भारी कमी आई है। 18 दिसंबर को इस आभासी मुद्रा की कीमत 19511 डॉलर थी जो 3 फरवरी को 8498 डॉलर रही है।