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नई दिल्ली। सरकार लगातार घाटे और कर्ज में डूबी एयर इंडिया की 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचने तथा इसके प्रबंधन की जिम्मेदारी निजी हाथों में देने की येजना तैयार की है। केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने एयर इंडिया की हिस्सेदारी को बेचने से संब्ंधित जानकारी देते हुए कहा कि विनिवेश में लाभ देने वाली एयर इंडिया एक्सप्रेस तथा संयुक्त उद्यम एआईएटीएसएल भी शामिल होंगी। एआईएटीएसएल एयर इंडिया तथा सिंगापुर की एसएटीएस लिमिटेड के बीच संयुक्त उद्यम है।
सरकार के इस कदम पर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताई है। पार्टी के राज्यसभा सांसद अहमद पटेल ने ट्वीट कर कहा कि एयर इंडिया के निजीकरण की शर्तों को सुनकर उन्हें काफी हैरानी हुई है। उन्होंने कहा कि
‘‘सरकार 76 फीसदी इक्विटी शेयर बेच देगी लेकिन कंपनी के कर्ज का 52 फीसदी बरकरार रखेगी। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि क्या यह कुछ निजी एजेंटों को फायदा पहुंचाने के लिए तैयार किया गया पूरा विक्रय नहीं है?’’