धनबाद : पूर्वी भारत का पहला ऐट लेन सड़क की योजना के धनबाद में पूर्ण होने पर ग्रहण लग गया है. धनबाद विधायक राज सिन्हा एवं पूर्व मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल की लड़ाई से इस योजना पर ग्रहण लग गया है. अब सड़क के लिए विश्व बैंक से मिले कर्ज से धनबाद शहर में फ्लाइओवर बनाने की तैयारी शुरू हो गयी है.
आठ लेन सड़क काम जल्द पूर्ण कराये सरकार

मंच के संरक्षक
भूली-नावाडीह नागरिक विचार मंच ने गोल बिल्डिंग से लेकर काको मोड़ तक बन रहे आठ लेन सड़क का काम जल्द पूर्ण कराने की मांग की है.सोमवार को मंच के संरक्षक देवाशीष पाल, तपन दत्ता, बिमान पाल, रणधीर सिंह, श्रीकांत
सिंह, सौरभ सिंह, गोपाल सिंह, रामेश्वर चौहान, प्रदीप चौहान, प्रदीप गुप्ता, मनजीत गुप्ता ने पत्रकार वार्ता में कहा कि काम बंद होने से आम जनों को एवं इस सड़क पर स्थित सभी व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को अपने दिनचर्या में काफी परेशानी हो रही है. जगह-जगह लोहे का निकले हुए छड़, रोड के दोनों तरफ किये गये गड्ढे, उसके ऊपर बारिश के कारण दोनों साइड में कीचड़, और इस सड़क पर हमेशा की तरह काफी खाली होने के कारण आम तौर पर यहां वाहन काफी तेज गति से चलती हैं, जिससे आये दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं. वर्तमान में जो स्थिति है यह और विकराल है, इस विषय को गंभीरता से लेते हुए, यहां की जनता एवं व्यवसायी सरकार से इस रोड का शीघ्र ही कोई समुचित समाधान की मांग करती है. यहां के व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को एक तो लॉकडाउन का मार ऊपर से यह आधा अधूरा रोड दोनों का मार झेलना पड़ रहा है.
क्या है बिग कंट्रोवर्सी
धनबाद के निवर्तमान मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल ने कांको मठ से गोल बिल्डिंग (भुईफोड़) तक ऐट लेन (आठ लेन) सड़क बनाने की योजना बनायी. इसके लिए राज्य सरकार से डीपीआर को मंजूरी दिलायी गयी. फिर विश्व बैंक से लगभग चार सौ करोड़ रुपये कर्ज लिया गया. ताम-झाम के साथ इसका निर्माण शुरू हुआ. धनबाद विधायक राज सिन्हा ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि शहर को पहले फ्लाइओवर की जरूरत है. जिस सड़क को आठ लेन बनाया जा रहा है. उसमें उतनी ट्रैफिक नहीं है. जबकि तत्कालीन मेयर का कहना था कि इस सड़क के बनने से शहर में ट्रैफिक लोड घटेगा. धनबाद से बोकारो, रांची जैसे जाने के लिए लोग मुख्य शहर की बजाय इस आठ लेन सड़क से निकल जायेंगे.
सरकार बदलते ही बदली स्थिति
धनबाद के एमएलए व पूर्व मेयररघुवर सरकार में मेयर जो चाहते थे वही होता था. उनकी बातों को काटने की हिम्मत किसी अधिकारी में नहीं थी. लेकिन, दिसंबर 2019 के चुनाव में भाजपा को सत्ता गंवानी पड़ी. हेमंत सोरेन के नेतृत्व में गठबंधन सरकार ने सत्ता संभाली. इसके बाद धनबाद नगर निगम सरकार के निशाने पर आयी. पूर्व सीएम के खासमखास माने जाने वाले मेयर के काम-काज की जांच होने लगी. पिछले सप्ताह राज्य सरकार ने आठ लेन सड़क का काम रुकवा दिया. जानकारों की मानें तो विभाग अब आठ लेन सड़क की राशि से ही शहर में फ्लाइओवर बनायेगा. फ्लाइओवर की लागत लगभग तीन सौ करोड़ रुपये आने की उम्मीद है. जबकि आठ लेन सड़क को सिर्फ चलने लायक हालत में लिया जायेगा.