फोग्सी की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ (प्रो) जयदीप मल्होत्रा काा धनबाद में वेलकम
धनबाद: फेडेरेशन ऑफ अब्स्ट्रेटिक एवं गायनोक्लॉजिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया (फोग्सी) की नेशनल प्रसिडेंट डॉ (प्रो) जयदीप मल्होत्रा ने कहा कि देश में हर वर्ष 26 मिलियन (2.6 करोड़) बच्चे हर वर्ष पैदा हो रहे हैं. जबकि स्गायनोक्लॉजिस्ट डॉक्टरों की संख्या मात्र 35 हजार के करीब है. सरकारी सेवा दो हजार डॉक्टर जुड़े हैं. ऐसे में स्त्री रोग व प्रसूति विशेषज्ञों पर भारी दबाव है. बावजूद इसके संथागत प्रसव को बढ़ावा देने व शिशु-मातृ मृत्यु दर में कमी लाने के लिए फोग्सी लगातार सरकार को सहयोग कर रहा है. डॉ (प्रो) जयदीप मल्होत्रा ने सिटी सेंटर में सात्विक आइवीएफ में सोमवार को प्रेस कान्फ्रेंस में यह बातें कही.
डा मलहोत्रा ने कहा कि देश भर में फोग्सी के 248 से अधिक संस्थाएं हैं. इस वर्ष फोग्सी का स्लोगन ‘हमें पंख व परवाज दो, नारी को आकाश दो’ है. मुख्य लक्ष्य डॉक्टरों का ख्याल व प्रेग्नेंट लेडी की जांच व इलाज है. इस बार हम हेल्थ, इमवापरमेंट व रिस्पेक्ट को लेकर है. धनबाद फोग्सी को बेहतर कार्य के लिए सम्मान मिला. प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना के तहत हर महीने के नौ तारीख को क्लिनिकों में चिकित्सक मरीज को देखें. मौक पर डॉ शिवानी झा, डॉ एसके दास, डॉ वाइएन चौधरी, डॉ विकास हाजरा, डॉ नेहा प्रियदर्शिनी, डॉ धीरज चौधरी, डॉ साधना और विजय झा मौजूद थे.
डॉ मल्होत्रा ने बताया कि देश में प्रति एक हजार पर 168 माताओं की प्रसव के दौरान जान चली जाती है. मातृ मृत्यु दर में कमी लाने में सबसे अच्छा काम केरल में हुआ है. वहां यह आंकड़ा 57 के आसपास है. वहीं झारखंड, बिहार, यूपी में आंकड़ा 250 सौ के ऊपर है. 2020 तक इसे दो अंकों में लाना है. संस्थागत प्रसव 82 प्रतिशत है. लेकिन 12 प्रतिशत अभी भी अप्रशिक्षित हाथों में प्रसव हो रहे हैं. 70 प्रतिशत डिलिवरी प्राइवेट व 30 प्रतिशत सरकारी संस्थानों में हो रहे हैं. गर्भाशय व ब्रेस्ट कैंसर बड़ी चुनौती बन गयी है. गर्भाशय कैंसर से बचाव के लिए टीके आ गये हैं. 35 से कम उम्र की महिलाओं को दो बार टीके लगाने पड़ते हैं. फोग्सी अपने स्तर से एक हजार युवतियों को (9 से 19 उम्र) को टीके नि:शुल्क लगायेगी. गर्भाशय व ब्रेस्ट कैंसर को लेकर कैंप व जागरूकता अभियान भी चलाया जायेगा. डॉ मल्होत्रा ने बताया कि अस्पतालों व क्लिनिकों में किस बीमारी के कितने मरीज आ रहे हैं. उनकी उम्र, बीमारी के प्रकार आदि की जानकारी जुटाने में परेशानी होती है. लेकिन फोग्सी ने ऐसा एप व सॉफ्टवेयर तैयार किया है, जिससे चिकित्सक मरीजों से संबंधित तमाम प्रकार की जानकारी इसमें प्रविष्ट करेंगे, यह मोबाइल से कनेक्ट होगा. चिकित्सक कहीं से मरीज के बारे में अपडेट लेते रहेंगे. इसे नि:शुल्क चिकित्सकों को दिया जा रहा है. मानव के शरीर के स्टेम सेल से अब तक कई अंग बनाये जा चुके हैं. इसमें नर्व, स्पर्म आदि शामिल हैं. अब नये अविष्कार के तहत स्टेम सेल से अंडाणु भी बनाये जाने लगे है. इससे जिस महिला को ओवरी नहीं हैं, वह भी बच्चे को जन्म दे सकती हैं.