धीरेन के भाई वरुण का शंकर पर पलटवार
धीरेन हत्याकांड
रैनबो मल्टी स्टेट क्रडिट कॉपरेटिव सोसाइटी के चेयरमैन वरुण रवानी ने आरोप लगाया है कि मेरे भाई धीरेन रवानी की हत्या का षडयंत्रकारी जेल में बंद शंकर रवानी है. शंकर रवानी अखबार के माध्यम गलत बयानी देकर पुलिस को भरमाना चाह रहा है. धीरेन की हत्या को दिशाहीन करना चाह रहा है. धीरेन हत्याकांड की सीबीआइ व सीआइडी से जांच हो ताकि दूध का दूध व पानी का पानी हो सके. वरुण मंगलवार को सोसाइटी के निदेशकों के साथ गांधी सेवा सदन में पत्रकारों से बातचीत में शंकर के आरोपों पर अपना पक्ष रख रहे थे. मौके पर निदेशक विष्णु रवानी, नंदलाल कोयरी, सुनील महतो, रंजीत सिंह,गणेश ठाकुर, अशोक साव, द्वारिका प्रसाद समेत अन्य मौजूद थे.
वरुण का कहना है कि शंकर रवानी ने कभी धीरेन या रैनबो ग्रुप को कोई मदद नहीं किया. शंकर का यह कहना कि गबन के आरोप में मुझे (वरुण रवानी) को रैनबो मल्टी स्टेट क्रडिट कॉपरेटिव सोसाइटी के चेयरमैन हटा दिया गया यह सरासर गलत है. वह अभी भी सोसायटी के अध्यक्ष पद पर कार्यरत हैं. सभी निदेशक उनके साथ हैं. सोसायटी की वार्षिक जेनरल मीटिंग में सर्वसम्मति से उन्हें चेयरमैन पद पर चयनित किया गया था. शंकर रवानी एक बड़ा षडयंत्रकारी है. शंकर के खिलाफ कई थानों में मामले दर्ज हैं जिसके आलोक में वह जेल में बंद है. जेल में बंद रहने के दौरान शंकर को यह जानकारी कैसे मिली. अगर उसे सभी बातों की जानकारी थी तो बेटे की हत्या की प्राथमिकी में सिर्फ मेरा (वरुण) ही डालता. धीरेन रवानी के सभी भाई भतीजों को क्यों नामजद किया? इससे ही पता चलता है कि वह धीरेन हत्याकांड में पुलिस को लोगों को बरगला रहा है.
वरुण का दावा है कि वह खुद मौके पर कुछ दूरी पर था. कुणाल और एक अन्य युवक ने धीरेन को पीछे से पकड़ रखा था. जबतक मैं दौड़कर पहुंचता करण पीछे से गोली मार दिया. धीरेन करण को एक हाथ से गर्दन पकड़ लिया था. कुणाल को लेकर ही खून से लतपथ धीरेन जमीन पर गिर गया. सभी लोग दौड़े व कुणाल को पकड़ लिया. लोगों की भीड़ ने कुणाल की पिटाई शुरु कर दी. शोर सुनकर मैरे घर के लोग दौड़े और हमलोग अपनी कार से धीरेन को लेकर सेंट्रल अस्पताल पहुंचे जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. लोगों की पिटाई से जख्मी कुणाल की इलाज के दौरान हॉस्पीटल में मौत हो गयी. हत्या का दूसरा आरोपी करण रवानी फरार है. बालिका देवी के कहने पर ही धीरेन को गोली मारी गयी है. रैनबो मल्टी स्टेट क्रडिट कॉपरेटिव सोसाइटी एक सोसायटी है. इसमें सभी के विचार से ही कोई फैसला होता है. किसी के बीच कहीं कोई विवाद नहीं है. शंकर का आरोप बेबुनियाद व आधारहीन है.