Post by relatedRelated post
-
December 19, 2022
18 से 25 दिसंबर, श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान गंगा यज्ञ
-
December 19, 2022
स्व. बिनोद बिहारी महतो की 31वीं पुण्यतिथि पर कार्यक्रम
-
December 19, 2022
धनबाद : उपायुक्त ने की शिक्षा व कल्याण विभाग की समीक्षा
-
उच्चतम न्यायालय ने कुछ विशेष मामलों में, गर्भवती महिला का 20 सप्ताह के बाद गर्भपात कराने के लिए स्थायी तंत्र बनाने के वास्ते दिशा निर्देश बनाने पर सरकार से जवाब मांगा है. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के नेतृत्व वाली पीठ ने स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और भारतीय चिकित्सा परिषद को नोटिस जारी किया और चार सप्ताह के भीतर उनका जवाब मांगा.
उच्चतम न्यायालय ने मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट 1971 में संशोधन से इनकार करते हुए कहा कि यह विधायी क्षेत्र का मामला है. इस कानून में 20 सप्ताह के बाद गर्भपात कराने पर रोक लगाई गई है.
शीर्ष न्यायालय कर्नाटक की अनुषा रविंद्र की याचिका पर सुनवाई कर रहा है. याचिकाकर्ता ने रेप पीड़िता और गर्भ में असामान्य भ्रूण रखने वाली महिलाओं के 20 सप्ताह से ज्यादा के भ्रूण को गिराने के लिए मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट 1971 में संशोधन की मांग की है.