पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड विकास मोर्चा के सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने राज्य की रघुवर सरकार जमकर हमला बोला है. बाबूलाल ने कहा कि राज्य सरकार जिस 1000 दिन के अपने कार्यकाल को उपलब्धि बताकर प्रचार प्रसार कर रही है, वह झूठ की बुनियाद पर खडा है. सरकार अपनी नाकामियों को उपलब्धि बता रही है. उन्होंने सरकार द्वारा 22 सितंबर को दिये गये अखबार के एक विज्ञापन का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि 11 लाख 64 हजार राशन कार्ड और दो लाख 71 हजार वृद्धावस्था पेंशन को फर्जी बताकर सरकार ने रद्द कर दिया. जबकि सच्चाई यह है कि सभी लाभुकों का आधार लिंक ही नहीं हुआ है. बाबूलाल मरांडी ने यह भी जानकारी दी है कि वृद्धावस्था के लाभुकों के कार्ड को रद्द कर सरकार ने 86 हजार बचा लिया. वहीं 225 करोड़ रूपये गरीब जनता को राशन नहीं देकर बचा लिया. इसे सरकार अपनी उपलब्धि मान रही है. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार वास्तविकता से अनभिज्ञ है. सरकार की उपलब्धि घरातल पर जीरो है.
दूसरे राज्यों में फेल डीबीटी योजना को लागू किया
बाबूलाल मरांडी ने नगड़ी में राज्य का पहला डीबीटी प्रखंड घोषित किये जाने पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा केंद्र शासित प्रदेशों में भी डीबीटी योजना को लागू की गयी थी वह फेल हो गयी थी. उसी फेल योजना को राज्य सरकार ने लांच किया है. राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि राज्य में 54% पुरूष और 27% महिला साक्षर है लेकिन उन्हें कंप्यूटर का ज्ञान तक नहीं है. 56% घरों में बिजली नहीं है. राज्य में पिछडापन है, अशिक्षा है. ऐसे में डिजिटल झारखंड का सपना दिखाना कहां तक उचित है. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार झूठी उपलब्धि का ढींढोरा पीट रही है. बाबूलाल ने मुख्यमंत्री रघुवर दास की उस योजना पर चुटकी ली जिसमें सीएम ने कहा था कि 2022 तक झारखंड गरीब मुक्त हो जायेगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पूरी तरह से फर्जीवाड़े पर टिकी हुई है. उनकी सभी योजनायें फर्जी है, धरती पर कुछ भी नहीं है.
युद्धस्तर पर बने गरीबों का राशन कार्ड नहीं तो होगा आंदोलन
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सरकार अविलंब युद्धस्तर पर हर प्रखंड में एक सप्ताह तक गरीबों का राशन कार्ड बनवाये. यह सुनिश्चित करे कि कोई भी गरीब राशन कार्ड से वंचित न हो. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं करने पर उनकी पार्टी पूरे राज्य में सड़क पर उतरकर आंदोलन करेगी और ब्लॉक का कामकाज ठप कर देगी