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केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री सुदर्शन भगत ने कहा है कि धर्मांतरण झारखंड की सबसे बड़ी समस्या है. उन्होंने कहा कि यह अनुभव में आया है कि धर्मांतरण का प्रभाव राष्ट्रांतरण में परिवर्तित हो जाता है. गांव के गरीब, अशिक्षित लाचार जनजाति समाज धर्मांतरण से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. मंत्री ने कहा कि आजादी के पूर्व से ही इस क्षेत्र की गरीबी, अशिक्षा का लाभ उठाकर सुनियोजित तरीके से धर्मातरण का प्रयास किया गया है. 2011 के जनगणना रिपोर्ट की जनसंख्या वृद्धि दर का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के मुताबिक देश में 21.42 हिंदू प्रतिशत, 28.28 फीसदी मुस्लिम हैं. जबकि ईसाइयों की जनसंख्या 29.74 फीसदी पहुंच गयी है. अपनी भाषा और संस्कृति के प्रति जागृत हो गया है जनजाति समाज
मंत्री ने कहा कि लाखों परिवारों को उनके धर्म, संस्कृति से काटकर उनके सोच को बदला गया है. ऐसा प्रयास यहां की संस्कृति पर कुठाराघात है, लेकिन आज जनजाति समाज अपनी भाषा, संस्कृति के प्रति जागृत हो चुका है. उन्होंने रघुवर सरकार को धर्मांतरण निषेध बिल लाने के लिए धन्यवाद भी दिया. सुदर्शन भगत गुरुवार को भाजपा प्रदेश मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे. उनके साथ प्रदेश महामंत्री दीपक प्रकाश और प्रवक्ता दीनदयाल वर्णवाल भी थे.