नई दिल्ली. सीसीएल के सीएमडी व बीसीसीएल के प्रभारी सीएमडी गोपाल सिंह को कोल इंडिया का प्रभारी चेयरमैन बनाया गया है. शुक्रवार को कोयला मंत्रालय के अंडर सेक्रेटरी ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी. जारी पत्र के अनुसार जब तक चेयरमैन पद के लिए किसी की नियमित पदस्थापना होने तक श्री सिंह कोल इंडिया के प्रभारी चेयरमैन बने रहेंगे. विदित हो कि कोल इंडिया के चेयरमैन सुतीर्थ भ˜ट्टाचार्य 31 अगस्त को सेवानिवृत्त हो गये.
चेयरमैन की दौड़ में शामिल थे : मालूम हो कि कोल इंडिया चेयरमैन पद के लिए गत 16 जून को हुए साक्षात्कार में शामिल सभी सात विफल करार दिये गये सात अधिकारियों में सीसीएल के सीएमडी सह बीसीसीएल के प्रभारी सीएमडी गोपाल सिंह भी शामिल थे. सार्वजनिक प्रतिष्ठान के छह व एक निजी क्षेत्र के अधिकारी दौड़ में थे. शेष अधिकारियों में डब्ल्यूसीएल के सीएमडी व इसीएल के प्रभारी सीएमडी राजीव रंजन मिश्रा, एमसीएल के सीएमडी अनिल कुमार झा, सीएमपीडीआइ के सीएमडी शेखर शरण के अलावा एनटीपीसी के निदेशक वित्त कुलमणी विश्वाल तथा एनएमडीसी के निदेशक वाणिज्यिक टीआर राव मुख्य रूप से शामिल थे. कोल इंडिया के अनुषंगी इकाइयों के योग्य अधिकारियों के नाकाम करार दिये जाने के बाद रिजल्ट की कई स्तर पर चयन के बावजूद एनएमडीसी चेयरमैन नहीं बने
90 के दशक में बेरमो में कोलियरी मैनेजर से शुरू की थी नौकरी
कोल इंडिया के प्रभारी चेयरमैन बने सीसीएल के सीएमडी गोपाल का करियर ग्राफ सफलता का किस्सा है. वर्ष 2015 में एनएमडीसी के चेयरमैन के लिए उनका चयन भी हो गया. एक जनवरी 2016 से उन्हें पदभार भी ग्रहण करना था, लेकिन श्री सिंह ने पदभार ग्रहण नहीं किया. पुन: सितंबर 2016 में श्री सिंह एनएमडीसी के चेयरमैन पद के लिए इंटरव्यू में शामिल हुए, लेकिन इस बार इनका चयन ही नहीं हुआ. अंतत: कोल इंडिया में ही उन्हें रिकॉर्ड पांच साल का सेवा विस्तार दे दिया गया.
कयासों पर लगा विराम : कोल इंडिया सूत्रों की मानें तो कोल इंडिया के प्रभारी चेयरमैन के रूप में सीसीएल के सीएमडी गोपाल सिंह तथा डब्लूसीएल के सीएमडी आरआर मिश्रा का पलड़ा भारी चल रहा था. श्री मिश्रा के पक्ष में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी व आरएसएस खेमा के साथ काफी करीबी संबंध को आधार माना जा रहा था. दूसरी तरफ श्री सिंह केंद्रीय ऊर्जा व कोयला मंत्री पीयूष गोयल के अलावा गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ काफी रिश्ते को आधार माना जा रहा था. हालांकि श्री सिंह को कोल इंडिया में काफी सीनियर होने का लाभ मिला है.
आइएसएम से बीटेक हैं गोपाल सिंह
बेरमो. सीसीएल के सीएमडी गोपाल सिंह ने साल 1981 में आइएसएम से माइनिंग की डिग्री हासिल की थी. इसके बाद उन्होंने कैरियर की शुरुआत सीआइएल के सीसीएल कथारा एरिया के गोविंदपुर परियोजना में कोलियरी मैनेजर के बाद रजरप्पा क्षेत्र से की. 21 जनवरी 1961 में बिहार के रोहतास में जन्मे गोपाल सिंह सीसीएल के सीएमडी बनने से पहले एसइसीएल में तकनीकी निदेशक थे. माइनिंग के क्षेत्र में उन्हें 32 साल से अधिक का अनुभव हासिल है.
पांच साल का विस्तार मिला था : सीसीएल के सीएमडी गोपाल सिंह का पांच साल का कार्यकाल 12 फरवरी 2017 में पूरा हो रहा था. उन्हें सेवा विस्तार नहीं मिलता तो वे फिर से सीजीएम की श्रेणी में आ जाते. लेकिन 11 फरवरी 2017 को श्री सिंह को केंद्र सरकार से पांच साल का सेवा विस्तार मिल गया. यही चयन कोल इंडिया के चेयरमैन बनने के कयास को आधार दे रहा था. दूसरे कार्यकाल में इन्होंने उत्पादन के ग्राफ को 44 मिलियन टन से 60 मिलियन टन तक पहुंचाया. सीसीएल व बीसीसीएल की बेहतरी ने कोयला मंत्रालय में इनकी स्थिति काफी मजबूत की.
सीसीएल टू कोल इंडिया वाया सीसीएल : सीसीएल के सीएमडी गोपाल सिंह पर बेरमो कोयलांचलवासियों की भी निगाहें टिकी थी. ऐसे में कोल इंडिया के प्रभारी चेयरमैन के रूप में इनका चयन बेरमो के लिए गौरव की बात है. श्री सिंह ने अपनेे माइनिंग करियर की शुरुआत नौवें दशक में कथारा एरिया के गोविंदपुर परियोजना से की थी. इसके बाद वे रजरप्पा, परेज होते हुए सीसीएल मुख्यालय तक पहुंचे. इसके बाद एसइसीएल के कुसमुंडा एरिया गये तथा एसइसीएल में डीटी (पीएंडपी) बनने के बाद सीएमडी बनकर वर्ष 2012 में सीसीएल आये.
एसइसीएल में पहली बार मिली चर्चा : गोपालसिंह पहली बार तब चर्चा में आये थे, जब उनके नेतृत्व में एसइसीएल ने रिकॉर्ड 112 मिलियन टन कोयले का उत्पादन कर 3777 करोड़ का मुनाफा कमाया था. कंपनी ने उन्हें और दक्ष बनाने के लिए प्रशिक्षण पर यूएसए,चीन और यूके भेजा था.