सीसीएल के स्वांग वाशरी में हुई थी नियुक्ति
धनबाद ट्रिब्यूनल का फैसला आया
धनबाद : सीसीएल के स्वांग वाशरी में काम कर रहे करीब 300 कर्मियों को हटाने का आदेश धनबाद इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल ने दिया है. ट्रिब्यूनल का यह आदेश सीसीएल मुख्यालय आ गया है. झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन की एक याचिका पर सुनवाई के बाद ट्रिब्यूनल ने यह आदेश दिया है. यूनियन ने स्वांग में करीब 324 कर्मियों की फरजी नियुक्ति की शिकायत ट्रिब्यूनल से की थी. ट्रिब्यूनल ने सीसीएल प्रबंधन को नोटिस चिपकाकर सभी कर्मियों को हटाने का निर्देश दिया है. यह भी कहा है कि जो कर्मी खुद को फरजी नहीं होने का दावा ट्रिब्यूनल के पास करेंगे, उसकी जांच करायी जायेगी. जांच के बाद सही पाये जाने पर नौकरी पर रखा जायेगा.
क्या था मामला
सीसीएल में 1980 में कुछ कर्मी स्लरी का काम करने आये थे. करीब 1992 में कर्मियों ने स्थायीकरण के लिए ट्रिब्यूनल में केस कर दिया. 1996 में ट्रिब्यूनल ने इस मामले में मजदूरों के पक्ष में फैसला दे दिया. इसके खिलाफ सीसीएल उच्च न्यायालय में चला गया. उच्च न्यायालय में भी मजदूरों के पक्ष में फैसला आया. इसको सीसीए ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौैती दी. सुप्रीम कोर्ट ने भी मजदूरों के पक्ष में फैसला दिया. इसके बाद प्रबंधन इन लोगों को नौकरी देने के लिए तैयार हुआ. 2009 में तय किया गया कि मजदूर यूनियन के प्रतिनिधि और प्रबंधन के सदस्य मिलकर मेमोरेंडम ऑफ सेटलमेंट तैयार करेंगे. दोनों मिलकर पूर्व में काम करने मजदूरों का सत्यापन करेंगे. सत्यापन के आधार पर नौकरी दी जायेगी. सत्यापन के समय ही प्रबंधन और मजदूर यूनियनों ने मिलकर गड़बड़ी की. जो लोग पूर्व से दैनिक मजदूर के रूप में काम कर रहे थे, उनके स्थान पर फरजी लोगों को नौकरी दे दी गयी. इसकी शिकायत दैनिक मजदूरों ने झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन के मुमताज आलम को की. श्री खान ने पूरे मामले की जांच के बाद 2010 में ट्रिब्यूनल में इसकी शिकायत कर दी. इसके जांच के क्रम में सीसीएल के पूर्व सीएमडी एसके साहा ने भी शक जाहिर की थी. इसी बीच महेंद्र रजक ने हस्तक्षेप याचिका दायर कर दी. महेंद्र रजक ने दावा किया कि मेरे स्थान पर दूसरा व्यक्ति नौकरी कर रही है. इसकी जांच प्रबंधन ने करायी. श्री रजक के दावे के सच पाया. इसके बाद जो व्यक्ति श्री रजक के स्थान पर नौकरी कर रहा था. उसे हटा दिया गया. जांच के क्रम में सीसीएल प्रबंधन ने पाया कि कई फरजी लोग नौकरी कर रहे हैं. इसकी पुष्टि होने के बाद ट्रिब्यूनल ने सभी लोगों को नोटिस चिपका कर नौकरी से हटाने का आदेश दिया है.