सिक्के के बोझ से अाम लोग परेशान. बैंक भी लोगों की जेब का बोझ हल्का करने से कर इनकार कर रहे हैं. इन दिनों बाजार में 10 और पांच के सिक्कों की भरमार हो गयी है. 500 रुपये से अधिक के सिक्के लेने से दुकानदार भी इनकार कर रहे हैं. दुकानदारों का कहना है कि जब बैंक सिक्के नहीं ले रहा तो वे कैसे लें. इस स्थिति में लोग आखिर अपने सिक्के कहां जमा करायें. आरबीअई के जीएम का कहना है कि बैंक अगर सिक्के नहीं स्वीकार करते हैं, तो इसकी शिकायत उन से कर सकते हैं, लेकिन जीएम ने 10 हजार से अधिक सिक्के जमा कराने से मना कर दिया है. उन्होंने कहा कि 10 हजार से अधिक सिक्के रहने पर बैंक कर्मचारियों को इसे गिनने में ही ज्यादा समय चला जायेगा. इससे बैंक का कामकाज प्रभावित होगा, क्योंकि बैंक के पास नोट गिनने की मशीन तो है लेकिन सिक्के गिनने की कोई मशीन नहीं है.
छोटे दुकानदारों के सामने खड़ी हुई समस्या
यानी अारबीअाई की भी मंशा साफ है कि सिक्के बाजार में ही प्रचलन में रहे. बैंक में न जमा न कराये जाएं. बूटी मोड़ स्थित पान दुकान संचालक मंतोष कुमार का कहना है कि उसके दुकान में औसतन 1000 रुपये के सिक्के अा जाते हैं. 10 दिन में काफी संख्या में सिक्के जमा होते हैं. बैंक वाले सिक्के लेने से इंकारकरते हैं और ग्राहक भी 100 रुपये से अधिक के सिक्के लौटाने पर लेने में आनाकानी करते हैं. ऐसे में छोटे दुकानदार आखिर करें तो क्या करें.