बीएसआइडीसी की बंद इकाइयों के कामगारों के बकाया वेतन भुगतान का मामला
सिंदरी : झारखंड हाइकोर्ट में शुक्रवार को बिहार स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन
(बीएसआइडीसी) के कामगारों के बकाया वेतन के भुगतान काे लेकर दायर जनहित याचिकाअों पर सुनवाई हुई. एक्टिंग चीफ जस्टिस डीएन पटेल व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए सेल को प्रतिवादी बनाने का निर्देश दिया. साथ ही मामले की सुनवाई स्थगित कर दी. खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 27 नवंबर की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व बीएसआइडीसी की ओर से अधिवक्ता सचिन कुमार ने खंडपीठ को बताया कि कर्मियों के बकाया भुगतान के लिए दो करोड़ की राशि हाइकोर्ट में जमा करा दी गयी है. बकाया की शेष रकम उपलब्ध कराने के लिए कार्य किया जा रहा है. यह भी बताया गया कि सेल ने बीएसआइडीसी की सिंदरी स्थित बिहार सुपर फास्फेट फैक्टरी की 70 एकड़ जमीन लेने को इच्छा जतायी है. सेल द्वारा जमीन खरीदे जाने के संबंध में जो ऑफर दिया जायेगा, उस पर विचार किया जायेगा. सेल को भी मामले में प्रतिवादी बनाने की बात कही गयी. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी बीएसआइडीसी कामगार यूनियन की अोर से जनहित याचिका दायर कर बकाया वेतन भुगतान सहित अन्य सुविधाएं देने की मांग की गयी है. बीएसआइडीसी के टाटीसिलवे स्थित इइएफ, हाइटेंशन इंसुलेटर फैक्ट्री, मैलुबल कास्ट आयरन, स्वर्णरेखा घड़ी कारखाना सामलौंग, सुपर फॉस्फेट कारखाना सिंदरी के कर्मियों का वेतन सहित अन्य मद की राशि वर्षों से बकाया है. पूर्व में हाइकोर्ट के आदेश पर बीएसआइडीसी ने राशि जमा करायी थी, जिससे कुछ माह के वेतन का भुगतान झालसा के माध्यम से कर्मियों को कराया गया था. हाइकोर्ट ने वेतन मद में 75 करोड़ रुपये जमा करने का आदेश दिया था. इसमें से सात करोड़ रुपये जमा कराया गया.
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धोखाधड़ी का यह मामला साल 2016 का बताया गया है एक प्रॉपर्टी डीलर ने रेमो डिसूजा पर 5 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करवाया था सेक्शन 420, 406, 386 के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई गाजियाबाद । डांस की दुनिया के ग्रेंड मास्टर में शुमार मशहूर कोरियोग्राफर रेमो डिसूजा के लिए एक बुरी…
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