जिउतिया का उपवास कल, नहाय-खाय आज
सतपुतिया, मड़ुआ का आटा, नोनी साग… की सजी दुकान
नोनी साग 100 ग्राम देना… नोनी साग खरीदती महिला
14 सितंबर को सूर्योदय के बाद होगा पारण
जिउतिया व्रत बुधवार को है. व्रत का नहाय-खाय मंगलवार को है. व्रती नदी, तालाबों व घरों में स्नान-ध्यान कर अपने पितरों को जलांजलि देंगी. खैर, तेल आदि अर्पित कर पितरों से पूरे परिवार की रक्षा के लिए कामना करेंगी. इसके बाद पूजा-अर्चना कर मड़ुआ की रोटी, सतपुतिया व नौनी का साग आदि व्यंजन बनायेंगी. व्यंजन को भगवान को अर्पित करने के बाद स्वयं ग्रहण करेंगी. रात में सरगही करेंगी. इसके बाद 24 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जायेगा. व्रती बुधवार की शाम में पूजा-अर्चना करेंगी. गीत नाद कर व्रत की कथा सुनेंगी. इससे पहले दिन में व्रत के लिए प्रसाद तैयार किया जाता है. गुरुवार को सूर्योदय के बाद व्रत का पारण है.
संतान की आयु, आरोग्य व कल्याण : धार्मिक रूप में जीवित्पुत्रिका व्रत का विशेष महत्व रहा है. संतान की लंबी आयु के लिए रखा जाने वाला व्रत जीवित्पुत्रिका बुधवार को है. व्रत के दौरान संतान की दीर्घायु के लिए माताएं निर्जला उपवास और पूजा-अर्चना करेंगी. आश्विन माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को माताओं द्वारा अपनी संतान की आयु, आरोग्य व कल्याण के लिए इस व्रत को किया जाता है. जीवित्पुत्रिका व्रत का नहाय-खाय मंगलवार को है. जीवित्पुत्रिका व्रत बुधवार को है. गुरुवार को सूर्योदय के बाद पारण होगा. संतान की दीर्घायु व मंगलकामना के साथ माताएं जीवित्पुत्रिका व्रत करती है.
सतपुतिया-नोनी 80 रुपये किलो
व्रत को लेकर बाजारों में पूजा सामग्री की बिक्री शुरू हो गयी है. आभूषण दुकानों पर जिउतिया की खरीदारी के लिए काफी भीड़ दिखी. जिउतिया गुंथने वाली दुकानों पर भी व्रती जुटी. मंगलवार को नहाय-खाय व बुधवार को जिउतिया पर्व है. मां अपने बेटे की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं. नहाय-खाय के पूर्व संध्या पर सोमवार को सब्जी बाजार गुलजार रहा. सतपुतिया, झींगा व नोनी साग सिर चढ़ कर बोला. सोमवार को सतपुतिया 80 रुपये किलो व नोनी साग 80 रुपये किलो तक बिका. खीरा व कंदा के भाव भी आसमान पर थे. खीरा 40 रुपये तो कंदा 60 रुपये किलो बिका. जीवित्पुत्रिका व्रत को जीतिया या जीउतिया, जिमूतवाहन व्रत के नाम से भी जाना जाता है.