झारखंड में पूर्ण शराबबंदी की मांग को लेकर सरकार की सहयोगी आजसू पार्टी भी मैदान में कूद गयी है. गांधी जयंती के मौके पर महिला आजसू के बैनर तले शराबबंदी की मांग को लेकर सभी जिला मुख्यालयों पर धरना दिया गया. आजसू महिला विंग की प्रदेश अध्यक्ष वॉयलेट कच्छप के नेतृत्व में शराबबंदी की मुहिम शुरू की गयी. इस मुहिम के तहत राज्य के कई जगहों पर जुलूस की शक्ल मे महिलाओं की ललकार सुनायी पडी. महिलाओं की ललकार, शराब बंद करो सरकार और नहीं चलेगा पाखंड, शराब मुक्त हो झारखंड नारों के साथ महिलायें लामबंद होकर शराबबंदी के लिए सरकार पर दवाब बनाया.
आजसू ने सभी जिलाध्यक्षों को आंदोलन करने का दिया निर्देश
गांधी जयंती के मौके पर आजसू की महिला विंग ने मोरहाबादी मैदान में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष शराबबंदी का संकल्प लिया और सभा भी की. आजसू ने सभी जिलाध्यक्षों को राज्य में पूर्ण शराबबंदी होने तक क्रमबद्ध आंदोलन करने का निर्देश दिया है. गौरतलब है कि आजसू के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से भी मिलकर पूर्ण शराबबंदी की मांग उठायी थी. पार्टी का मानना है कि शराब की वजह से झारखंड के विकास और भविष्य दोनों पर प्रतिकूल असर पड रहा है. महिलाओं ने कहा शराब के कारण घर बर्बाद हो रहा है और सरकार पूर्ण शराबबंदी को लेकर कोई ठोस निर्णय नहीं ले रही है. आजसू महिला अध्यक्ष वॉयलट कच्छप ने कहा है कि जहरीली शराब से कई लोगों की मौत हो गयी है, लेकिन यह धंधा बंद होने के बजाए फलफूल रहा है.
शराब से चौपट हो रहा युवाओं का भविष्य
आजसू महिला विंग की प्रदेश उपाध्यक्ष पार्वती देवी ने कहा है कि शराब की वजह से सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को ही उठानी पडती है. युवाओं का भविष्य चैपट हो रहा है. जिला परिषद सदस्य फुलकुमारी देवी ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि शराब की वजह से झगडे फसाद, जुआ, छिनतई और छेड़खानी हो रही है. तमाम दिक्कतों के बाद भी सरकार खुद शराब बेच रही है. जिला महासचिव हेमलाल उरांव ने कहा कि दूसरे कई राज्यों में सरकार ने शराब बंद कर दिया है. झारखंड सरकार जब तक शराबबंदी का फैसला नहीं ले लेती तब तक उनका आंदोलन चलता रहेगा.
4 से 15 नवंबर तक प्रखंड स्तरीय मार्च
बिरसा मुंडा की जयंती के उपलक्ष्य में आजसू की महिला नेताओं ने 4 से 15 नवंबर तक पूर्ण शराबबंदी की मांग को लेकर प्रखंड स्तरीय मार्च निकालने का फैसला लिया है. साथ ही इसको लेकर नुक्कड़ नाटक का भी मंचन किया जायेगा और लोगों को जागरूक किया जायेगा.
11 मार्च को न्याय मार्च
आजसू ने राज्य के पिछडों को 27 फीसदी आरक्षण देने की मांग को लेकर 11 अक्टूबर से गांवों में न्याय मार्च निकालने का फैसला लिया है. जिसका समापन 25 दिसंबर को वीर सपूत निर्मल महतो की जयंती पर होगा.