पटना: राष्ट्रीय जनता दल की पटना गांधी मैदान में 27 अगस्त को होने रैली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी एवं बसपा सुप्रीमो मायावती शिरकत नहीं करेंगी. कांग्रेस की ओर से महासचिव गुलाम नबी आजाद और सीपी जोशी सोनिया का संदेश लेकर पटना रैली में आयेंग. बसपा प्रमुख मायावती ने रैली में शामिल होने के लिए महसाचिव सतीश मिश्रा को भेज रही हैं.
रांची कोर्ट में चारा घोटाले में गवाही के लिए रवाना होने से पहले बुधवार को राजद प्रमुख लालू प्रसाद अपने आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उनकी बात सोनिया गांधी और मायावती से हुई है. दोनों ने अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को रैली में भेजने पर सहमति दी है. लालू ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का आना तय है. राहुल के आने के सवाल पर लालू ने कहा कि वह भी आ सकते हैं.
राजद प्रमुख ने सृजन घोटाले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर खुद को बचाने के लिए साक्ष्यों को खत्म कराने का आरोप लगाते हुए एसआइटी जांच पर सवाल खड़ा किया. बिना किसी अफसर का नाम लिए लालू ने कहा कि नीतीश ने घोटाले की जांच का जिम्मा अपने चहेते और स्वजातीय अफसर को सौंपा है. लालू ने जांच की निष्पक्षता पर संदेह जताते हुए कहा कि जांच करने वाला अफसर भागलपुर का एसएसपी रहते हुए सृजन के कार्यक्रमों में शरीक होता था. वह अफसर क्या जांच करेगा?
राजद प्रमुख ने सृजन घोटाला को व्यापम से भी बड़ा घोटाला बताया और गिरफ्तार आरोपी महेश मंडल की जेल में मौत पर सवाल खड़ा किया. उन्होंने कहा कि व्यापम की तरह सृजन में भी साक्ष्य मिटाने की साजिश हो रही है. मौत का शिकार महेश मंडल घोटाले की जांच के लिए सबसे बड़ा सबूत था, जिसे नीतीश सरकार ने गायब कर दिया.
पीएम पर कटाक्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के दौरे को लालू ने हवाखोरी कहकर मजाक उड़ाया. उन्होंने कहा कि बाढ़ खत्म हो गई है तो पीएम क्यों आ रहे हैं. पिछले साल बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में तो नहीं आए थे. अचानक इसी साल क्यों बिहार की याद आई? लालू ने कहा कि बिहार में बाढ़ के नाम पर घोटाला हुआ है. मृतकों के सही आंकड़े जारी नहीं हो रहे हैं. सरकार व प्रशासन का प्रभावितों के प्रति उदासीन रवैया है. लोग मर रहे हैं, मुख्यमंत्री को अपनी छवि और कुर्सी की चिंता है. पुलिस की मौजूदगी में लाशों को नदी में फेंका जा रहा है. लालू ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सुशील मोदी को कठघरे में खड़ा करते हुए सृजन घोटाले से संबंधित कई सवाल पूछे. उन्होंने मुख्यमंत्री को मौनी बाबा बताया और कहा कि जब वर्ष 2013 में आर्थिक अपराध शाखा के संज्ञान में यह मामला आया था. उसकी जांच रिपोर्ट का क्या हुआ? जांच का आदेश देने वाले डीएम का तुरंत क्यों बदल दिया गया?