राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि वर्ष 2022 तक न्यू इंडिया बनना है. न्यू इंडिया की बात करते हैं तो क्या मतलब है.सबके लिए घर और बिजली.न्यू इंडिया हमारे डीएनए में रचे-बचे. ये ऐसा समाज होना चाहिए जो आगे बढ़ने के साथ ही संवदेशनशील भी हो. राष्ट्रपति स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर पहली बार सोमवार को देश संबोधित कर रहे थे. उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद को नमन किया. कोविंद ने कहा कि आज देश के लिए कुछ कर गुजरने की भावना को फिर से अपनाने का समय है. जिस पीढ़ी ने आजादी दिलाई उनका दायरा बहुत बड़ा है.उन्होंने कहा हम उनके ऋणी हैं जिन्होंने आजादी के लिए अपने प्राणों की आहूति दी. अब समय है कि हम उनसे प्रेरणा लें जिन्होंने देश के लिए अपनी जान दी.
राष्ट्रपति ने अपने भाषण में स्वच्छ भारत का भी आहवान किया. उन्होंने कहा कि सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया है लेकिन यह देश को साफ रखने की जिम्मेदारी सभी की है. सरकार कानून बना सकती है, लागू कर सकती है और मजबूत कर सकती है लेकिन इसका पालन करना सभी की जिम्मेदारी है.उन्होंने जीएसटी, नोटबंदी का जिक्र करते हुए इनकी सफलता के लिए देशवासियों के योगदान की सराहना की. कोविंद ने कहा कि नोटबंदी के दौरान लोगों ने धैर्य का परिचय दिया. नोटबंदी के लोगों में ईमानदारी की प्रवृत्ति बढ़ी है. देश के लोगों ने जीएसटी को खुशी-खुशी अपना लिया.राष्ट्रपति उन्होंने कहा कि देश की आजादी में सरदार भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद और झांसी की रानी का बहुत बड़ा योगदान रहा है। गांधीजी के विचार आज भी प्रासंगिक हैं। सुभाषचंद्र बोस ने जब ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ का नारा दिया तो सभी देशवासियों ने उनका साथ दिया। बता दें कि कोविंद ने पिछले महीने की 25 तारीख को राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी।
रामनाथ कोविंद ने कहा कि क्रांतिकारियों का हमें आर्शीवाद मिला. नेहरू और अंबेडकर को भुला नहीं सकते. बचपन की एक घटना याद है जब गांव में किसी बेटी की शादी होती तो गांव के सब लोग अपना काम बांट लेते थे. जाति और समुदाय का भेद नहीं होता था।. वहां साझेदारी का भाव होता था. अगर जरूरत के वक्त अपने पड़ोसियों की मदद करेंगे तो वो भी आपके काम आएंगे. अजकल बड़े शहरों में ये भाव कम हुआ है. इससे बचना चाहिए. क्योंकि ये समाज के कल्याण और विकास के लिए जरूरी है. आज देश के लिए कुछ कर गुजरने का वक्त है. हर कोई आज भी देश के निर्माण में जुटा है. सरकार की योजनाओं का लाभ हर किसी तक पहुंचना चाहिए. स्वच्छ भारत का अभियान सरकार ने शुरू किया है. खुले में शौच से देश को मुक्त कराना है.
नेहरू और पटेल के योगदान को भी नहीं भुला सकते कोविंद ने कहा-
“70 साल पहले हमारा सपना साकार हुआ. हम स्वतंत्रता सेनानियों के कर्जदार हैं.नेहरू और पटेल के योगदान को भी नहीं भुला सकते हैं. गांधीजी ने चरित्र निर्माण पर बल दिया था. बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ अभियान सरकार चला रही है. सरकार कानून बना सकती है लेकिन उनका पालन करना हमारी जिम्मेदारी है. सरकार ने टैक्स प्रणाली को आसान बनाने के लिए काम किया है। टैक्स देकर हम देश के विकास में सहयोग कर सकते हैं.जीएसटी को इस देश की जनता को स्वीकार किया है. टैक्स से गरीब को कल्याण जबकि सरहदों को सुरक्षा मिलती है.