दुमका : झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने स्वतंत्रता दिवस पर प्रदेश की उपराजधानी दुमका में झंडोत्तोलन किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश के विकास एवं यहां के लोगों की खुशहाली के लिए हरसंभव कदम उठा रही है. सरकार सबको साथ लेकर आगे बढ़ने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सबको मिले, इसके लिए प्रशासन को चुस्त-दुरुस्त, संवेदनशाली एवं पारदर्शी बनाने के प्रयास हो रहे हैं.
आजादी की 70वीं वर्षगांठ को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस दिन को हम ‘संकल्प पर्व’ के रूप में मना रहे हैं. उन्होंने कहा कि 1942 में स्वतंत्रता सेनानियों ने अंग्रेजों को देश से भगाने का संकल्प लिया और 1947 को अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा. 1947 में भारत आजाद हुआ. स्वतंत्रता सेनानियों का संकल्प सिद्ध हुआ. राज्यपाल ने कहा, आइए! हम सब मिलकर 2022 तक नये भारत के निर्माण का संकल्प लें. स्वच्छ भारत, गरीबी मुक्त भारत, भ्रष्टाचार मुक्त भारत, आतंकवाद मुक्त भारत, संप्रदायवाद मुक्त भारत, जातिवाद मुक्त भारत के निर्माण का प्रण लें.
उन्होंने कहा कि नये भारत के निर्माण के लिए सबको पूरी तन्मयता से जुटना होगा. राष्ट्र को तेजी से प्रगति के पथ पर ले जाना होगा और इसमें सबको अपना योगदान सुनिश्चित करना होगा. उन्होंने कहा कि सरकार को जो करना चाहिए, वह कर रही है. किसानों की खुशहाली एवं समृद्धि राज्य के विकास का आधार हैं. हमारी सरकार राज्य के किसानों की उन्नति के लिए हरसंभव कदम उठा रही है. ‘किसान मेला सह प्रखंड कृषि जागृति अभियान’ की शुरुआत की, ताकि किसानों को सरकार द्वारा चलायी जा रही सभी लाभकारी योजनाओं की जानकारी एक ही जगह मिल जाये. हमारी सरकार ने भगवान बिरसा मुंडा, वीर बुधु भगत, सिदो-कान्हू और चांद-भैरव, नीलांबर-पीतांबर की जन्मभूमि के समग्र विकास का निर्णय लिया है.
उन्होंने कहा कि राज्य में केले की खेती की असीम संभावनाओं को देखते हुए दुमका प्रमंडल के साहेबगंज जिले में इसकी खेती शुरू की गयी है. पायलट प्रोजेक्ट के तहत 100 किसानों का चयन किया गया है. उन्हें केले की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. आनेवाले दिनों में केले की खेती इस क्षेत्र की पहचान बनेगी.
राज्यपाल ने कहा कि दुधारू पशुओं की नस्ल में सुधार के साथ दूध के उत्पादन में वृद्धि के लिए बायफ के जरिये संथाल परगना प्रमंडल के विभिन्न जिलों में 280 डेयरी पशु विकास केद्रों का संचालन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य के 1,000 मत्स्य कृषकों को मछली पालन के लिए तकनीकी प्रशिक्षण दिया जा रहा है. सरकार के इन्हीं प्रयासों के कारण झारखंड आज मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो गया है.
आधारभूत संरचनाओं का विकास
राज्यपाल ने कहा कि राज्य में आधारभूत संरचनाओं का तेजी से विकास हो रहा है. संथाल परगना में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 281 पथ और 41 पुल का निर्माण कार्य प्रगति पर है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना के तहत इसी वित्त वर्ष में 11 पुलों के निर्माण को स्वीकृति दी गयी है. इतना ही नहीं, इस वित्त वर्ष में 954 किमी सड़क बनाकर 386 बसावटों को जोड़ा जायेगा. दुमका में मयूराक्षी नदी पर उच्चस्तरीय पुल के निर्माण की स्वीकृति दे दी गयी है.
बुजुर्ग और नि:शक्तों का सम्मान
राज्यपाल ने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा कराने का बीड़ा सरकार ने उठाया है. इसके लिए ‘मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना’ की शुरुआत की गयी है. योजना के तहत हजारों गरीब बुजुर्ग तीर्थ यात्रा कर चुके हैं.
औद्योगिक एवं आर्थिक गतिविधियां
-महामहिम द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि झारखंड में औद्योगिक विकास के उद्देश्य से ‘मेक इन इंडिया’ की तर्ज पर ‘मेक इन झारखंड’ की शुरुआत की गयी है. इसका उद्देश्य झारखंड के होनहार युवक-युवतियों को रोजगार से जोड़ना है. इस योजना की वजह से प्रदेश में उद्योग एवं व्यापार के अ्नुकूल वातावरण तैयार हुआ है. औद्योगिक गतिविधियों में भी तेजी आयी है.
-महामहिम ने कहा कि निजी पूंजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए राज्य में दो प्राइवेट यूनिवर्सिटी (एमिटी यूनिवर्सिटी झारखंड और आइसेक्ट यूनिवर्सिटी) की स्थापना की गयी है. इस साल फिर तीन नये विश्वविद्यालय (सरला बिरला विश्वविद्यालय, वाइबीएन विश्वविद्यालय और अरका जैन विश्वविद्यालय) की स्थापना से संबंधित अधिनियम को स्वीकृति दी गयी है.
शिक्षा एवं स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार
-राज्यपाल ने कहा कि राज्य में पर्याप्त संख्या में कॉलेज नहीं हैं. कॉलेजों की संख्या राष्ट्रीय औसत से काफी कम है. सरकार इस स्थिति को सुधारने के प्रति गंभीर है. राज्य में 30 नये कॉलेज (11 महिला कॉलेज, 12 मॉडल कॉलेज, 7 डिग्री कॉलेज) की स्वीकृति देनेके साथ ही इसके निर्माण का काम भी शुरू कर दिया गया है. इन 30 कॉलेजों में से 10 महिला कॉलेजों में वैकल्पिक व्यवस्था के तहत पठन-पाठन का काम शुरू भी हो गया है. 6 और कॉलेजों में इसी साल पठन-पाठन शुरू कने की योजना है.
-महामहिम ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और राज्य में शिक्षा-व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए 280 (+2) स्कूलों की स्थापना की गयी है. नेतरहाट विद्यालय/इंदिरा गांधी विद्यालय की तर्ज पर संथाल परगना प्रमंडल के दुमका जिला में भी आवासीय विद्यालय स्थापित किया जा रहा है.
-द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि झारखंड के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार कृतसंकल्पित है. शिशु एवं माता का स्वास्थ्य, टीकाकरण, पोषण इत्यादि पर सरकार का विशेष ध्यान है. आदिम जनजातियं के स्वास्थ्य एवं जीवन को सुरक्षित रखने के लिए संथाल परगना क्षेत्र में ‘पहाड़िया विशेष स्वास्थ्य योजना’ के अंतर्गत 18 पहाड़िया उप स्वास्थ्य केंद्रों का संचालन किया जा रहा है. इन्हें आवास की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ‘आदिम जनजाति बिरसा आवास योजना’ की शुरुआत की गयी है.
महिला सशक्तिकरण एवं महिला स्वास्थ्य
-राज्यपाल ने कहा कि सरकार ने महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के अभिनव प्रयास किये हैं. इसके तहत महिलाओं के पक्ष में निष्पादित 50 लाख रुपये मूल्य तक की भूमि/संपत्ति की रजिस्ट्री मात्र एक रुपया में की जा रही है. महिलाओं को सशक्त बनाने में इस कदम के दूरगामी परिणाम होंगे.
-द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में स्वस्छ गैस एवं स्टोव की आपूर्ति की जा रही है, ताकि लकड़ी या कोयले से महिलाओं की आंख न जले. पर्यावरण प्रदूषित न हो. दीवारें काली न हों.
जनजातियों को सम्मान और उनका सशक्तिकरण
-राज्यपाल ने कहा कि संथाल परगना क्षेत्र में मानकी-मुंडा व्यवस्था को मान्यता प्रदान की गयी है. सरकार ने मानकी, मुंडा/ग्राम प्रधान, डाकुवा की सम्मान राशि में दोगुनी बढ़ाते हुए मानकी को 3,000 रुपये प्रति माह, मुंडा/ग्राम प्रधान को 2,000 रुपये प्रति माह और डाकुवा को 1,000 रुपये प्रति माह सम्मान राशि दी जा रही है.
-प्रदेश की प्रथम नागरिक ने कहा कि जल, जंगल, जमीन झारखंड की सामाजिक-सांस्कृतिक पहचान है. यहां की जनजातियों के जीवन का हर पहलू जंगल से जुड़ा है. हमारी सरकार जनजातीय संस्कृति को अक्षुण्ण रखने के लिए वन अधिकार अधिनियम के तहत देवघर, जामताड़ा, दुमका, गोड्डा, पाकुड़ एवं साहेबगंज जिले में लगभग 2,180 हेक्टेयर भूमि ग्रामीणों को उपलब्ध करायी गयी है, ताकि उनकी आजीविका सुदृढ़ हो सके.
-उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के सच्चे अनुयायी टाना भगतों को मुख्यधारा में लाने और उनके सर्वांगीण विकास के लिए टाना भगत विकास प्राधिकार का गठन किया गया है. इसके लिए चालू वित्त वर्ष में 10 करोड़ रुपये का बजट उपलब्ध कराया गया है.
-द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि संथाल परगना के आदिवासियों का साहूकारों ने लंबे समय तक शोषण किया. लेकिन, यहां की सरकार ने उन्हें साहूकारों के चंगुल से मुक्त कराने के लिए झारखंड निजी साहूकारी अधिनियम, 2016 पारित किया है. इसके बाद बिहार साहूकारी अधिनियम, 1974 समाप्त हो गया. फलस्वरूप बैंकों को छोड़कर कोई व्यक्ति नकद या वस्तु के रूप में बंधक रखने संबंधी साहूकारी का व्यवसाय नहीं कर पायेगा.
सबको स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेवारी
राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने अपने भाषण झारखंड सरकार की चुनौतियों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि झारखंड के लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेवारी है. इस दिशा में सरकार प्रयासरत है. पाकुड़ जिला के लिट्टीपाड़ा प्रखंड में पाइपलाइन के जरिये जलापूर्ति के लिए सरकार ने 217 करोड़ रुपये की योजना शुरू की है. इसका लाभ फ्लोराइड प्रभावित आबादी को भी मिलेगा. इतना ही नहीं, गांवों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए वर्ष 2017-18 में स्थाल परगना में कुल 17 बड़ी एवं 765 छोटी पाइपलाइन जलापूर्ति योजनाएं शुरू की जा रही हैं