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रघुवर सरकार राज्य के 590 मदरसों की जांच करेगी. सरकार ने ऐसे मदरसों के दस्तावेजों की पुष्टि के लिए एक टीम गठित की है, जिन्हें सरकारी सहायता मिलती है. यह टीम जांच करेगी कि ये मदरसे सरकार द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुसार चल रहे हैं या नहीं. झारखंड एकेडमी काउंसिल (जेएससी) के सूत्रों ने कहा कि 50 मदरसों के दस्तावेजों के संदिग्ध पाए जाने पर इस टीम की स्थापना की गयी है. जेएससी के सूत्र ने कहा कि 590 मदरसे राज्य सरकार द्वारा संबंधित हैं, जिन्हें आर्थिक सहायता मिलती है. सूत्र ने बताया कि इनमें से अधिकांश बिहार मदरसा बोर्ड से संबंधित हैं, लेकिन इनमें से कई मदरसों के दस्तावेज फर्जी हैं.
सत्यापन में मदरसों का दावा गलत निकला
सूत्रों ने कहा कि 2000 में जब झारखंड एक अलग राज्य के रूप में स्थापित हुआ था, तब बिहार सरकार ने सरकार से संबंधित मदरसों की सूची झारखंड सरकार को सौंप दी थी. इसके बाद कुछ मदरसों ने दावा किया उनका नाम सूची से हटा दिया गया है और सत्यापन के बाद सूची में कई और नाम जोड़े गए. इस मामले पर संदेह तब हुआ जब सरकार ने पाया कि राज्य के निर्माण के 15 साल बाद भी कुछ मदरसे सहायता प्राप्त करने के लिए अभी भी बिहार मदरसा बोर्ड के साथ संबद्धित होने का दावा कर रहे हैं. वहीं, सत्यापन के दौरान उन मदरसों का दावा गलत निकला.