पिछले कुछ दिनों से लगातार अरुण जेटली और पीएम मोदी को अर्थव्यवस्था पर निशना बनाने के बाद यशवंत सिन्हा ने अब केंद्र सरकार को कश्मीर के मामले पर घेरा है.
पाकिस्तान कश्मीर मसले में ‘जरूरी तीसरा पक्ष’: यशवंत सिन्हा
सिन्हा ने कहा है कि “भारत ने घाटी के लोगों को भावनात्मक तौर पर खो दिया है.” सिन्हा ने यह भी कहा कि पाकिस्तान कश्मीर मसले में ‘जरूरी तीसरा पक्ष’ है, जिससे इनकार नहीं किया जा सकता. सिन्हा की यह टिप्पणी बीजेपी नेतृत्व को नागवार गुजर सकती है.
‘दि वायर’ को दिए एक इंटरव्यू में सिन्हा से उनके उस आलेख के बारे में भी पूछा गया जिसमें उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था की ‘बदहाली’ का मुद्दा उठाया था. सिन्हा ने मुद्रा बैंक जैसी सरकारी योजनाओं और विभिन्न सुधारों की सफलता को ‘बढ़ा-चढ़ाकर किए जा रहे दावे’ करार दिया.
मैं जम्मू-कश्मीर में बड़े पैमाने पर लोगों के अलगाव को देख रहा हूं: सिन्हा
अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे सिन्हा ने कहा “मैं जम्मू-कश्मीर में बड़े पैमाने पर लोगों के अलगाव को देख रहा हूं. यह ऐसी चीज है जो मुझे बहुत कचोटती है. हमने उन लोगों को भावनात्मक तौर पर खो दिया है. आपको यह समझने के लिए घाटी का दौरा करना पड़ेगा कि उनका हम पर भरोसा नहीं रहा.”
कंसर्न्ड सिटिजंस ग्रुप’ का नेतृत्व कर रहे है यशवंत सिन्हा
आपको बता दें कि सिन्हा एक नागरिक समाज संगठन ‘कंसर्न्ड सिटिजंस ग्रुप’ (सीसीजी) का नेतृत्व करते हैं, जिसने हाल के समय में कई बार घाटी का दौरा किया है और विभिन्न पक्षों से संवाद किया है ताकि दशकों पुराने कश्मीर मुद्दे का स्थायी समाधान तलाशा जा सके.
सीसीजी में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) ए पी शाह, मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त जूलियो रिबेरो, पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्ला, खुफिया एजेंसी ‘रॉ’ के पूर्व प्रमुख ए एस दुलत, जानीमानी समाज सेविका अरुणा रॉय और मशहूर लेखक एवं इतिहासकर रामचंद्र गुहा सहित कई अन्य गणमान्य लोग शामिल हैं.
नियंत्रण रेखा पर लोगों के मारे जाने पर रोक लगाने की अपील की
वहीं मैं यह भी कहूंगा कि पाकिस्तान, दुर्भाग्यवश, जम्मू-कश्मीर में एक तीसरा जरूरी पक्ष है. और इसलिए यदि आप अंतिम समाधान चाहते हैं तो हमें किसी न किसी वक्त पाकिस्तान को इसमें शामिल करना होगा. हां, आप इसे हमेशा के लिए नहीं खींच सकते.” बीजेपी नेता ने नियंत्रण रेखा पर लोगों के मारे जाने पर रोक लगाने की अपील की, क्योंकि वहां कोई भी युद्ध नहीं जीतने जा रहा.
नहीं मिला मोदी से मिलने का समय
सिन्हा ने कहा, “नियंत्रण रेखा पर लोगों के मारे जाने पर रोक लगनी चाहिए, क्योंकि वहां कोई युद्ध नहीं जीत रहा. नियंत्रण रेखा अच्छी तरह परिभाषित है और कारगिल में यह साबित हो गया कि दुनिया इस मुद्दे पर पाकिस्तान के साथ नहीं बल्कि हमारे साथ है. आप नियंत्रण रेखा को बदल नहीं सकते. तो क्यों न नियंत्रण रेखा पर शांति हो. पाकिस्तान के साथ हमारे तमाम मतभेद के बाद भी नियंत्रण रेखा पर शांति कायम हो सकती है.” सिन्हा ने दावा किया कि उन्होंने 10 महीने पहले कश्मीर मुद्दे पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का वक्त मांगा था, लेकिन उन्हें ‘दुख’ है कि मिलने का समय नहीं मिल सका.
मुझसे बुरा बर्ताव किया गया
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, “मैं दुखी हूं. मैं निश्चित तौर पर दुखी हूं. आप मिलने का समय मांगते हैं, 10 महीने बीत गए. मैं आपको बता दूं कि जब से मैं सार्वजनिक जीवन में आया हूं, राजीव गांधी से लेकर भारत के किसी प्रधानमंत्री ने मुझे मिलने का वक्त देने से मना नहीं किया. किसी प्रधानमंत्री ने यशवंत सिन्हा को नहीं कहा कि मेरे पास आपके लिए वक्त नहीं है.” उन्होंने कहा, “और यह मेरे अपने प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने मेरे साथ ऐसा व्यवहार किया. ऐसे में यदि कोई मुझे फोन करे और कहे कि कृपया मेरे पास आएं, तो माफ करें, वक्त निकल चुका है. मुझसे बुरा बर्ताव किया गया.”