मुलायम सिंह यादव का आज प्रेस कॉन्फ्रेंस, नयी पार्टी का ऐलान भी कर सकते हैं
समाजवादी पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने तमाम अटकलों और कयासों पर विराम लगाते हुए स्पष्ट कर दिया कि वह अभी कोई नयी पार्टी नहीं बनाने जा रहे हैं. लखनऊ के लोहिया ट्रस्ट कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुलायम ने कहा कि वह अभी नयी पार्टी नहीं बनाने जा रहे हैं. अगर इस बारे में कोई सवाल कभी आयेगा तो वह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दे देंगे. गौरतलब है कि मुलायम सिंह यादव को सोमवार को समाजवादी पार्टी से अलग होकर नई पार्टी बनाने का एलान करना था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में नई पार्टी बनाने वाले प्रेस नोट को पढ़ा ही नहीं. इसके उलट उन्होंने कह दिया कि मैं कोई नई पार्टी नहीं बना रहा हूं. इससे पहले खबरें आई थीं कि मुलायम अखिल भारतीय समाजवादी पार्टी का एलान कर सकते हैं. गौरतलब है किसमाजवादी पार्टी में फूट के बाद दो गुट बन गए हैं. एक गुट मुलायम और उनके छोटे भाई शिवपाल यादव का है, वहीं दूसरा गुट अखिलेश और मुलायम के चचेरे भाई रामगोपाल यादव का है.
फोन पर शिवपाल से हुई बात, मुलायम ने कहा अभी नहीं करेंगे घोषणा
पार्टी के कुछ नेताओं ने बताया कि शिवपाल ने मुलायम के प्रेस कॉन्फ्रेंस को अरेंज किया था. शिवपाल ने मुलायम के लिए पहले से ही स्क्रिप्ट तैयार करवा दी थी. नई पार्टी बनाने की पूरी भूमिका भी बन चुकी थी. प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी मुलायम और शिवपाल दोनों को बैठना था. सूत्रों ने बताया कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में आने से पहले शिवपाल ने मुलायम से फोन पर पूछा कि वह नयी पार्टी की घोषणा वाली नोट पढ़ेंगे या नहीं. इसपर मुलायम ने कहा कि अभी नहीं. तब शिवपाल ने कहा कि मैं प्रेस कॉन्फ्रेंस में नहीं आउंगा.
अखिलेश के साथ योगी और मोदी सरकार पर भी निशाना
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुलायम सिंह ने पुत्र अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि अखिलेश कभी कामयाब नहीं हो सकते हैं. जो बाप का नहीं, वो किसी का नहीं. उन्होंने योगी सरकार को भी आड़े हाथों लिया. कहा कि मैं भी सीएम रहा हूं. मैंने पर्याप्त मात्रा में बिजली दी थी, लेकिन अब देखिये गांव-शहर छोड़िए, लखनऊ में बिजली नहीं है. किसानों की कर्ज माफी धोखा है. कोऑपरेटिव बैंक पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. कर्ज माफी योजना के तहत अब तक कुछ नहीं दिया है. यूपी सरकार की कथनी करनी में अंतर है. शिक्षामित्रों के साथ धोखा किया गया. मुलायम ने कहा कि मोदी सरकार के 3 साल के कार्यकाल में कोई काम नहीं हुआ. पेट्रोल के दाम बढ़ गए. नोटबंदी से कमर टूट गई. गरीब तबके के लिए मुआवजे की जरूरत है. बीएचयू में लड़कियां सुरक्षित नहीं है. यूपी में कानून का राज खत्म हो गया है.
अखिलेश ने किया ट्वीटः नेताजी जिंदाबाद, सपा जिंदाबाद
मुलायम के नई पार्टी का एलान नहीं किये जाने के बयान से उत्साहित उनके पुत्र सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, ‘‘नेताजी (मुलायम) जिंदाबाद, समाजवादी पार्टी जिंदाबाद.’’ मुलायम का यह बयान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के विरोधी शिवपाल यादव खेमे के लिये एक झटका माना जा रहा है. अखिलेश का दबदबा कायम होने के बाद सपा में अलग थलग किये गये शिवपाल पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव की अगुवाई में समाजवादी सेक्युलर मोर्चे के गठन का इरादा जाहिर कर चुके हैं.
सपा के अंदर मुलायम और अखिलेश में उत्तरप्रदेश विधानसबा चुनाव से पहले जून में विवाद पैदा हुआ था. देखिये कब क्या हुआ.
जून 2016– अखिलेश यादव बाहुबली मुख्तार अंसारी के कौमी एकता दल के सपा में विलय के लिए राजी नहीं हुए. इसके बावजूद शिवपाल और मुलायम सिंह ने अंसारी की पार्टी को सपा में विलय करा लिया था. इसके बाद से विवाद शुरू हो गया.
जुलाई 2016- मुलायम ने बयान दिया कि इलेक्शन के बाद पार्टी विधायक तय करेंगे कि सीएम कौन बनेगा. मुलायम ने यह भी कहा कि शिवपाल ने जो पार्टी के लिए किया है, वो कोई नहीं कर सकता.
अक्टूबर 2016- अखिलेश ने शिवपाल और उनके समर्थक चार मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया.
नवंबर 2016- रजत जयंती समारोह में मुलायम के सामने अखिलेश-शिवपाल के समर्थक भिड़े. माइक की छीना-झपटी हुई.
दिसंबर 2016- शिवपाल ने सपा कैंडिडेट की एक लिस्ट जारी की. मर्डर के दोषी अमनमणि त्रिपाठी के बेटे अमरमणि को टिकट दिया गया. शिवपाल ने अखिलेश के करीबी छह नेताओं को पार्टी से बाहर कर दिया. उधर अखिलेश ने 235 कैंडिडेट्स की अलग लिस्ट जारी कर दी.
जनवरी 2017- रामगोपाल यादव ने 1 जनवरी को लखनऊ में सपा का राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाया. अखिलेश यादव की मौजूदगी में इस अधिवेशन में 3 प्रस्ताव पास हुए. अखिलेश को पार्टी का नेशनल प्रेसिडेंट बनाया गया, मुलायम को संरक्षक बनाया गया और शिवपाल यादव को पार्टी के स्टेट प्रेसिडेंट के पद से हटाया गया. अमर सिंह को पार्टी से बाहर किया गया.