हरेंद्र के बयान पर भाई के अगवा कर फिरौती लेने की एफआइआर, पुलिस ने ली नावाडीह घर की तलाशी, मिले कई बैंक खाते, दोनों भाईयों का हवाला व आतंकी फंडिग से जुड़े होने का संदेह, रात में निशानदेही पर कई स्थानों पर छापामारी
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धनबाद -रिटायर्ड बीसीसीएल कर्मी एना निवासी दीपनारायण साव का बेटा हरेंद्र कुमार की पोल धीरे-धीरे खुलती जा रही है. दो दिनों से वह धनबाद थाना में पुलिस को बरगला रही है. शुक्रवार की सुबह स्कार्पियो सवार द्वारा पोलिटेकनिक रोड से हरेंद्र खुद की अपहरण कर मारपीट कर छोड़ दिये जाने की बात पुलिस को कह रहा था. देर शाम को छोड़ दिये जाने के बाद खुद अपनी मां व पिता के साथ धनबाद थाना पहुंच गया था. पुलिस छानबीन व सख्ती से पूछताछ में हरेंद्र ने शनिवार को स्वीकार किया कि उसके बड़े भाई पप्पू साव का स्कार्पियो सवार लोगों ने अगवा किया था. मारपीट कर जख्मी कर दिया. पांच लाख फिरौती वह कतरास काको मठ के समीप देकर अपनी भाई को छुड़ाया है. हरेंद्र व पप्पू के बारे में जानकारी के लिए लखीसराय
पुलिस को सूचना देकर जानकारी मांगी गयी है.
हरेंद्र की शिकायत पर धनबाद थाना में उसके भाई पप्पू साव की अज्ञात स्कार्पियो सवार लोगों द्वारा अगवा किये जाने व पांच लाख की फिरौती लेकर छोड़ने मामले में शनिवार को एफआइआर दर्ज की गयी है. हरेंद्र ने पुलिस को बताया कि भाई अपहर्ताओं से मुक्त होने के बाद थाना नहीं आ रहा है. वह भाग गया है. हरेंद्र 24 घंटे में बार-बार बयान बदल रहा है. हरेंद्र का नावाडीह व बगुला बस्ती दोनों जगह घर है. बगुला में वह तीन मंजिला घर बनवा रहा है. उसकी राशन दुकान भी है. हरेंद्रने पुलिस को बताया है कि वह अपनी ससुराल आसनसोल जा रहा था. भाई को बाबूडीह से अगवा कर बाइक वहीं छोड़ दिया. फोन आने के बाद वह ट्रेन से लौटा और अपहर्ताओं को पांच लाख रुपया पहुंचाया. पुलिस भले ही केस दर्ज कर ली है लेकिन उसके
बयान पर भरोसा नहीं है.
हरेंद्र को लेकर पुलिस शनिवार की दिन व रात में कई स्थानों पर छापामारी की है. हरेंद्र के नावाडीह व बगुला बस्ती घर की तलाशी ली गयी है. दोनों घर से पुलिस को कई बैंक खाते मिले हैं. बैंक खाते में लाखों रुपये जमा है. शनिवार की शाम हो जाने के कारण बैंक खातों की जांच पुलिस नहीं कर सकी है. हरेंद्र का पटना व रांची में जमीन व घर होने की बात कही जा रही है. हरेंद्र अपने भाई पप्पू का बारे में पुलिस को सही जानकारी नहीं दे रहा है. पप्पू के परिजन भी उसके बारे में सही जानकारी नहीं दे रहे हैं. हरेंद्र के बैंक खातों में एटीएम से माध्यम से राशि ट्रांसफर हुई है. एटीएम से निकला स्लीप हरेंद्र के जेब से मिला है. खातों से ट्रांजेक्शन के बारे में वह सही जानकारी पुलिस को नहीं दे रहा है. पुलिस को आशंका है कि साइबर अपराध व विदेशी हवाला कारोबार से भी हरेंद्र व पप्पू जुड़ा हो सकता है.
पप्पू का हवाला व आतंकी फंडिग से संबंध रहा है. वह पुलिस से विगत कई सालों से बच रहा है. नालंदा, लखीसराय, धनबाद समेत कई अन्य जिलों में दर्जन भर सरकारी व गैर सरकारी बैंक खाते में करोड़ों रुपये कि निकासी व लेन-देन हुई थी. लखीसराय पुलिस के साथ-साथ एनआइए भी मामले की छानबीन की थी. मामले में धनबाद, झरिया, कतरास समेत कई स्थानों पर वर्ष 2013 में छापामारी की गयी थी. भगतडीह में पप्पू, जीतेंद्र व राजू की खोज कर पुलिस घरों की तलाशी ली थी. मटकुरिया विकास नगर में गोपाल गोयल के आवास की तलाशी ली गयी थी. आरोप था कि तब लखीसराय में कई युवकों के बैंक खाते में पाकिस्तान से पैसे भेज गये थे. आंतकी फंडिंग नेटवर्क के जांच के सिलसिले में लखीसराय पुलिस और एनआइए हरेंद्र साव पप्पु साव, गोपाल गोयल, जितेंद्र साव और राजू साव की तालाश में धनबाद आयी थी. इन पर आंतकी संगठन इंडियन मुजाहीद्दीन से पैसे हंस्तातरण करने का आरोप था आरोप था. छापामारी के दौरान कोई भी गिरफ्तार नहीं हुआ था. बाद में एनआइए की टीम ने पटना से गोपाल गोयल को गिरफ्तार किया था. मगर पप्पु साव, जीतेंद्र साव और राजू साव अभी तक फरार है.