यह पूछे जाने पर ब्रिक्स घोषणापत्र और डोकलाम गतिरोध के समाधान में कोई संबंध है तो विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) प्रीति सरन ने कहा है कि इसे आपस में नहीं जोड़ा जा सकता. इससे पहले चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जेंग शुआंग ने यहां संवाददाताओं से कहा कि बैठक का विवरण उचित समय पर जारी किया जायेगा. शी के अलावा मोदी मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतह अल सीसी से भी द्विपक्षीय मुलाकात करेंगे.
चीन ने ‘ब्रिक्स प्लस’ के तहत जिन पांच देशों को आमंत्रित किया उनमें मिस्र भी शामिल है.
आपको बता दें कि मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए रविवार को यहां पहुंचे थे. सूत्रों की मानें तो मोदी और शी की इस मुलाकात के दौरान दोनों नेता विश्वास बहाली के कदमों के उपायों पर चर्चा कर सकते हैं. डोकलाम में चले 73 दिनों के हालिया गतिरोध के बाद दोनों नेताओं की इस तरह की द्विपक्षीय मुलाकात हो रही है. बहरहाल, सूत्रों ने दोनों नेताओं के बीच की बातचीत में आनेवाले मुद्दों के बारे में ब्योरा देने से इनकार किया. दोनों देशों के बीच यह भाव है कि गतिरोध के बाद अब ‘आगे बढ़ना चाहिए’. बीते 28 अगस्त को भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि नयी दिल्ली और बीजिंग ने डोकलाम इलाके से दोनों देशों ने अपने सैनिकों को हटाने का फैसला किया है.
चीन में भी ‘सबका साथ सबका विकास’ की बात की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी