एर्नाकुल्लम, कोच्चि स्थित टाटा प्रोजेक्ट कम्पनी में फंसे 25 मजदुर वापस अपने घर लौट आये हैं. उपायुक्त राय महिमापत रे के विशेष पहल पर इन 25 मजदूरों को छुड़ाकर 18 सितम्बर को वापस बोकारो लाया गया. सभी मजदूर जिला बीस सूत्री उपाध्यक्ष लक्ष्मण कुमार नायक के नेतृत्व में उपायुक्त से मिलने उनके कार्यालय पहुंचे. उपायुक्त ने कहा कि गिरिडीह निवासी मो. सरफुद्दीन अंसारी के बहकावे में आकर ये मजदुर इतनी दूर काम करने चले गए थे. जिला प्रशासन को इनके परिवार वालों ने बताया कि केरल में उनके साथ मारपीट, गाली-गलौज तथा शारारिक एवं मानसिक शोषण किया जा रहा है. सूचना पाकर जिला प्रशासन ने पहल करते हुए इन मजदुरों को वापस लाने की कावायद शुरू की. उन्होंने कहा कि पूर्व में भी 18 मजदुरों को जिला प्रशासन के सहयोग से तमिलनाडु से छुड़ाकर वापस लाया गया था.
अधिक पैसा कमाने के लोभ में गये कोच्चि
गौरतलब है कि गिरिडीह का एक दलाल राजधनवार निवासी मो. सरफुद्दीन अंसारी ने इन मजदूरों को अधिक पैसे का लोभ देकर केरल के एर्नाकुल्लम, कोच्चि स्थित एडाचिरा ले गया. इन मजदूरों को टाटा प्रोजेक्ट कम्पनी के बिल्डींग स्मार्ट सिटी में काम करने के लिए रांची के अपर बाजार निवासी विश्राम कंस्ट्रकशन के मालिक मनीष कुमार के माध्यम से भेजा गया था. यह लोग आठ अगस्त को केरल गये थे. लगभग 40 दिनों बाद इन्हें छुड़ाकर वापस बोकारो लाया गया.
मजदूरों को मिलता था आधा पेट भोजन
मजदूरों को आधा पेट भोजन दिया जाता था. साथ ही जानवरों जैसा सलूक किया जाता था. इतने दिनों में एक पैसा भी इन्हें नहीं दिया गया. ये लोग घर वापसी के लिए व्याकुल हो उठे और अपने परिजनों से संपर्क कर वापस आने का आग्रह करने लगे. इन्हें वापस लाने में जिला बीस सूत्री उपाध्यक्ष लक्ष्मण कुमार नायक की भी भूमिका अहम रही.
पेटरवार के रहने वाले हैं मजदूर
इन मजदूरों में पेटरवार चांपी के निवासी पवन कुमार, संतोष घासी, धीरेन सिंह, सुरेश घासी, परमेश्वर घासी, तुलसी कुमार घासी, नरेश घासी, राहुल घासी, महेन्द्र घासी, अशोक घासी, मृत्युंजय घासी, सनोज घासी, शनिरतन घासी, भोला घासी, सावन घासी, अमीत घासी कसमार निवासी दिलीप तुरी, विचु तुरी, राजेश तुरी बेरमो निवासी राजु कुमार सिंह, समरेश सिंह, नरेश सिंह, देवनारायण यादव, छोटन यादव, सावन घासी आदि थे.
थाना में प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश
उपायुक्त ने जनसंपर्क पदाधिकारी को मजदूरों के बकाया राशि का भुगतान कराने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज कराएं और एर्नाकुल्लम के जिला कलेक्टर को उपायुक्त स्तर से पत्राचार कर मजदूरों के बकाया राशि का भुगतान सुनिश्चित करायें. साथ ही जिला श्रम नियोजन विभाग से समन्वय स्थापित कर मजदूरों का श्रमिक संबंधी निबंधन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.