जिले की 362 बैंक शाखाओं में लटका रहा ताला, शाम होते ही कई एटीएम का शटर गिरा
धनबाद
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर 17 सूत्री मांगों के लिए मंगलवार को देशव्यापी हड़ताल जिले में असरदार रही. सभी राष्ट्रीयकृत बैंक, स्टेट बैंक, सहकारी बैंक, ग्रामीण बैंक व निजी बैंकों की 362 शाखाएं बंद रहीं. लगभग 1000 करोड़ का कारोबार प्रभावित रहा. हालांकि बैंक हड़ताल से एटीएम को अलग रखा गया था. लेकिन शाम होते ही लगभग एटीएम के शटर गिर गये. बैंक यूनियन का दावा है कि बंद पूर्णत सफल रही. इधर यूएफबीइ के बैनर तले सिंडिकेट बैंक से रैली निकाली गयी जो बैंक ऑफ इंडिया आंचलिक कार्यालय होते हुए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया धनबाद शाखा पहुंची, जहां रैली सभा में तब्दील हो गया. सभा की अध्यक्षता दिवाकर झा व रैली का नेतृत्व यूएफबीइ के जिला संयोजक प्रभात चौधरी ने किया. सभा को आलोक रंजन सिन्हा, राजेंद्र कुमार, राजकुमार श्रीवास्तव, एनके महाराज, एसके विश्वास, सुनील कुमार, पीके मजुमदार, टीके मुखर्जी, राणा घोष आदि ने संबोधित किया. धन्यवाद ज्ञापन रवि सिंह ने किया.
आगे दो दिवसीय हड़ताल : चौधरी
यूएफबीइ के जिला संयोजक प्रभात चौधरी ने कहा कि अगर सरकार ने मांगों पर विचार नहीं किया तो आगे यूनियन दो दिवसीय हड़ताल पर जाने को बाध्य होगी. यह हड़ताल अक्तूबर या नवंबर में होगी.
क्या है डिमांड
-सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का निजीकरण नहीं करना
-बैंकों का विलयीकरण नहीं करना
-कॉरपोरेट ऋणों को माफ नहीं करना
-एेच्छिक ऋण चूक को संज्ञेय अपराध की श्रेणी में रखना
-एनपीए वसूली के लिए संसदीय समिति की अनुशंसाओं को लागू करना
-एनपीए के लिए शीर्ष प्रबंधन की जवाबदेही तय करना
-प्रस्तावित एफआरडीआइ बिल वापस लेना
-बैंक बोर्ड ब्यूरो को समाप्त करना
-कॉरपोरेट एनपीए का बोझ चार्जेज के रूप में ग्राहकों पर न थोपना
-जीएसटी के नाम पर सेवा शुल्क न बढ़ाना
-विमुद्रीकरण पर हुए खर्च की भरपाई सरकार द्वारा करना
-विमुद्रीकरण से संबंधित कर्मचारियों एवं अधिकारियों के मुद्दों का निपटारा करना
-बैंकों के कर्मचारी, अधिकारी निदेशकों की बहाली करना
-बैंकों में अनुकंपा पर नियुक्ति सरकारी तर्ज पर करना
-आयकर मुक्त ग्रेच्युटी का सीमा बढ़ाना
-आरबीआइ एवं केंद्र सरकार के तर्ज पर पेंशन में सुधार एवं न्यू पेंशन स्कीम के बदले पुरानी पेंशन स्कीम
-सभी संवर्गों में यथोचित बहाली करना.