शिक्षा घोटाले और अनियमितताओं जैसे आरोपों से घिरे बिहार बोर्ड में अब एक और घोटाला सामने आया है. बिहार बोर्ड के दामन में हाल ही में एक बार फिर फर्जीवाड़ा देखने को मिला है.
ताजा मामला बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड का है. बिहार बोर्ड में सैकड़ो ऐसे परीक्षार्थियों को पकड़ा गया है, जिनकी उत्तर पुस्तिका में एक जैसी (समान) लिखावट पाई गई है. बिहार बोर्ड ने अपनी जांच में इसकी पुष्टि की है.जांच के बाद सामने आई इस रिपोर्ट में बोर्ड ने ऐसे 1148 परीक्षार्थियों के परीक्षा परिणाम रद्द कर दिए है.
सैकड़ों परीक्षार्थियों की उत्तर पुस्तिका एक जैसी
इस मामले में आरोपी परीक्षार्थी 2016 की मध्यमा परीक्षा में शामिल हुए थे. प्राप्त जानकारी के मुताबिक़ सैकड़ों परीक्षार्थियों की उत्तर पुस्तिका में एक ही जैसी (समान) लिखावट पाए जाने पर बिहार शिक्षा बोर्ड ने यह कदम उठाया. बोर्ड ने ऐसे 1191 परीक्षार्थियों को बीते अप्रैल से सितंबर के बीच लिखावट और योग्यता की जांच के लिए बुलाया. इसमें बहुत अधिक अंक प्राप्त करने वाले 518 परीक्षार्थी भी शामिल थे. इनमें केवल 70 परीक्षार्थी ही बोर्ड के समक्ष मौजूद रहे और उनमें भी मात्र 35 परीक्षार्थियों की योग्यता को ही सही पाया गया.
2017 की परीक्षा में शामिल होने का अवसर
बोर्ड ने शेष छात्रों को पुनः बुलाया. परन्तु वे नहीं आए. परीक्षा परिणाम घोषित होने के पश्चात् 167 छात्रों ने स्क्रूटिनी के लिए आवेदन दिया, जिनमें पांच के अंकों में बदलाव किया गया. बिहार शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष पीएन मिश्र ने बताया कि जिन परीक्षार्थियों के परिणाम बोर्ड ने रद्द किये उन्हें 2017 की परीक्षा में शामिल होने का अवसर दिया जाएगा. परीक्षा नवंबर के पहले सप्ताह में होने की सम्भावना है.