बालात्कार पीड़ित एक गर्भवती लड़की को उच्चतम न्यायालय ने चिकित्सीय आधार पर 32 हफ्ते का गर्भ गिराने की इजाजत दे दी थी. 13 वर्षीय इस नाबालिग बालात्कार पीड़िता ने चिक्सिकों द्वारा की गयी सर्जरी प्रक्रिया के बाद एक बच्चे को जन्म दिया. हालांकि बच्चे के जन्म के मात्र 48 घंटे बाद ही उसकी मौत हो गयी.
पूरी तरह विकसित नहीं हुए थे समयपूर्व जन्मे नवजात के अंग
मामले की जानकारी दे रहे एक डॉक्टर के अनुसार शुक्रवार को लड़की ने सीजेरियन सेक्शन ऑपरेशन के बाद एक शिशु को जन्म दिया था. शिशु का वजन 1.8 किलोग्राम था, कल सुबह लगभग साढ़े दस बजे उस शिशु की मौत हो गई. अस्पताल सूत्रों के अनुसार समयपूर्व जन्मे नवजात को जेजे अस्पताल की नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट में रखा गया था, उसके अधिकतर अंग पूरी तरह विकसित भी नहीं हुए थे. कल उसकी स्थिति गंभीर हो गई थी और चिकित्सकों ने उसे ऑक्सीजन मशीन से हटाकर वेंटिलेटर पर रख दिया था.
पोस्टमार्टम के बाद पता चलेगा नवजात की मौत का कारण
एक चिकित्सा अधिकारी के अनुसार शिशु की मौत की वजह के बारे में अस्पताल कुछ भी नहीं कह सकता है क्योंकि अभी तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार नहीं हुई है. शिशु को जन्म देने वाली लड़की अभी भी अस्पताल में भर्ती है और स्त्रीरोग विशेषज्ञ अशोक आनंद उसका उपचार कर रहे हैं. उसकी सेहत में सुधार के साथ ही उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी.
गर्भपात की प्रक्रिया जल्द से जल्द निपटाने का कोर्ट ने दिया था आदेश
बता दें छह सितंबर को प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने आदेश दिया था कि लड़की पर चिकित्सीय गर्भ समापन प्रक्रिया जल्द से जल्द की जाए, बेहतर है कि आठ सितंबर को ही की जाए. शीर्ष अदालत ने चिकित्सीय बोर्ड की रिपोर्ट पर गौर करने के बाद यह आदेश दिया था. बोर्ड का गठन शीर्ष अदालत ने ही किया था और उसमें जेजे अस्पताल के चिकित्सक भी शामिल थे.
बीस हफ्तों से अधिक के गर्भ का समापन करना प्रतिबंधित
पीड़िता सातवीं कक्षा की छात्रा है और मुंबई की ही रहने वाली है. कानूनन 20 हफ्तों से अधिक का गर्भ गिराने पर रोक है इसलिए पीड़िता को इसकी इजाजत के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा था. पीठ ने जोखिम के कारकों पर गौर करते हुए अस्पताल से कहा था कि वह गर्भपात से एक दिन पहले ही लड़की को भर्ती कर ले. गर्भ के चिकित्सीय समापन कानून की धारा 3(2)(बी) के तहत बीस हफ्तों से अधिक के गर्भ का समापन करना प्रतिबंधित है.
शिशु को रखने के बारे में सोच रहे थे लड़की के परिजन
जेजे अस्पताल के चिकित्सकों ने कहा कि लड़की के परिजन पहले तो गर्भपात करवाना चाहते थे लेकिन बाद में उन्होंने विचार बदल दिया और वे शिशु को रखने के बारे में सोचने लगे. लड़की के साथ कथित तौर पर उसके पिता के एक सहयोगी ने बलात्कार किया था. परिवार को पिछले महीने ही पता चला था कि लड़की गर्भवती है.