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श्रवणी मेला के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा वे 9 बार कांवर लेकर बाबाधाम आये हैं।
बाबा के आशीर्वाद से ही उन्हें राज्य का मुख्य सेवक बनने का मौका मिला।
श्रावणी मेला में कांवर यात्रा के दौरान महसूस किया है कि इसमें जात पात, ऊंच नीच के भेदभाव नहीं रहता। सामाजिक एकता दिखती है। जगह जगह एक दूसरे का सहयोग मिलता है
उन्होंने कहा कि आने वाले समय मे नौलखा, तपोवन, त्रिकुट, बासुकीनाथ, मलूटी आदि को मिलाकर टूरिस्ट और आध्यात्मिक सर्किट बनाएंगे। इसे अध्यात्म का केंद्र बनाने को सरकार तत्पर है।
इस दिशा में सरकार काम कर रही है।
आधुनिक सुविधा से लैस करके श्रावणी मेला और भगवान शिव की इस नगरी को इंटरनेशनल टूरिस्ट् सेंटर बनाने को सरकर काम कर रही है।
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