केरल में भगवा कार्यकर्ताओं की हो रही हत्या के विरोध में प्रदेश की माकपा सरकार के खिलाफ जनसमर्थन हासिल करने के लिए रैली करने आए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां आरोप लगाया कि बंदूक की नोक पर सत्ता हासिल करना वामपंथियों की प्रकृति है.
केरल में भाजपा के जनरक्षा मार्च कार्यक्रम में शिरकत करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, केरल में लगातार राजनीतिक हिंसा हो रही है और इसका प्रायोजन राज्य सरकार कर रही है.
जनरक्षा मार्च का समर्थन
भाजपा और आरएसएस के कार्यकर्ताओं के खिलाफ माकपा की कथित हिंसा को उजागर करने के लिए भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह की ओर से शुरू किये गए जनरक्षा कार्यक्रम में शामिल होते हुए योगी ने पीटीआई से बातचीत में कहा, बंदूक की नोक पर सत्ता हासिल करना वामदलों की प्रकृति है. केरल में सरकारी अस्पतालों के प्रबंधन से सीख लेने के माकपा की सलाह पर हमला बोलते हुए योगी ने कहा कि डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों से निपटने में उत्तर प्रदेश की सरकार प्रभावी तरीके से काम कर रही है जबिक केरल में इसी बीमारी से 300 से अधिक लोग मारे गए हैं.
वाम दल जनसमस्याओं के समाधान में विफल
योगी ने दावा किया, उत्तर प्रदेश प्रभावी तरीके से डेंगू और चिकनगुनिया से निपट रहा है. वाम दल और उनकी सरकार राज्य में लोगों को बुनियादी जरूरतें तक मुहैया कराने में विफल रही है. उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में, खास कर गोरखपुर में, सरकारी अस्पतालों में बडी संख्या में बच्चों की मौत हो गयी थी जिसने प्रदेश में गुणवत्ता परक स्वास्थ्य सेवा पर सवाल उठाने का मौका विपक्ष को दे दिया था.
योगी ने दावा किया कि भाजपा के एक पखवाडे तक चलने वाली इस यात्रा को बडी संख्या में लोगों ने अपना समर्थन दिया है.
लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केरल में राजनीति से प्रेरित और प्रायोजित हिंसा को अंजाम दिया जा रहा है. इस यात्रा के दौरान हम लोगों को माकपा के कुसाशन से अवगत करवायेंगे.’’
माकपा पर लगाया भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या का आरोप
सात किलोमीटर के इस पैदल मार्च में योगी के साथ केरल के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष कुम्मानम राजशेखरन भी थे. केरल के तीन दिन के दौरे पर आये भाजपा अध्यक्ष अमित शाह प्रदेश के मुख्यमंत्री पी विजयन के गृह जिले कन्नूर में कल रैली में हिस्सा लेंगे.
भाजपा ने आरोप लगाया है कि पिछले 17 साल में केरल में भाजपा और संघ के 120 कार्यकर्ताओं की हत्या की जा चुकी है. इनमें से 84 अकेले कन्नूर में हैं. विजयन के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनके गृह जिले में 14 कार्यकर्ताओं की हत्या हो चुकी है.