प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को प्रधानमंत्री सहज हर घर बिजली योजना (सौभाग्य योजना) का शुभारंभ किया. दिल्ली के दीनदयाल ऊर्जा भवन में सौभाग्य योजना को लॉन्च करने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि न्यू इंडिया के हर घर में बिजली कनेक्शन जरूर होगा. 4 करोड़ गरीब परिवार जो अभी तक बिना बिजली के जीवन बिता रहे थे, अब उनके जीवन का अंधेरा दूर होने का समय आ गया है. उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के मौके पर शुरू की गई सौभाग्य योजना के तहत गरीब परिवारों को मुफ्त बिजली कनेक्शन दिया जाएगा. इस योजना पर कुल 16,320 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है जिसमें से ज्यादातर राशि केंद्र सरकार मुहैया कराएगी. सौभाग्य यानी हर घर को बिजली देने के लक्ष्य के साथ इस स्कीम का चार करोड़ लोगों को फायदा मिलेगा. 31 मार्च 2019 तक मोदी सरकार हर घर को बिजली पहुंचाने के तहत इस योजना पर काम करेगी.
4 करोड़ गरीब परिवार के जीवन का अंधेरा दूर करने का समय आ गया
पीएम ने कहा कि केंद्र की ये सरकार गरीबों की सरकार है और गरीबों के उत्थान के लिए ऐसी कई योजनाएं आगे भी लाई जाएंगी. गरीबों के सपने पूरे करना सरकार का सपना है और सरकार की प्राथमिकता ही गरीबों की मुश्किलें खत्म करना है. 4 करोड़ गरीब परिवार जो अभी तक बिना बिजली के जीवन बिता रहे थे, अब उनके जीवन का अंधेरा दूर होने का समय आ गया है. उन्होंने कहा कि सालों तक देश में पावर सेक्टर की उपेक्षा के बाद अब सरकार हर गांव, हर शहर, हर कस्बे, हर घर यानी हर व्यक्ति तक बिजली की सुविधा पहुंचाने के लिए प्रतिबद्धता से काम कर रही है.
मैंने झेला है बिजली नहीं होने का दर्द
नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमने सस्ते एलईडी बल्ब उपलब्ध कराए जिनसे लोगों के बिजली बिल कम हो रहे हैं. पूरे बिजली सेक्टर में आमूल-चूल बदलाव लाने के जरिए लोगों के नए भाग्य का उदय करने के लक्ष्य पर काम किया जा रहा है. गांव और शहरों में बिजली वितरण के लिए बड़ी-बड़ी योजनाएं चलाई जा रही हैं. उन्होंने कहा कि 4 करोड़ घरों में लोग 18वीं सदी में जी रहे हैं क्योंकि बिना बिजली के घर महिलाओं के लिए कैदखाना और बच्चों के लिए उनके भविष्य में अंधेरा ही दिखाता है. मैंने खुद बचपन में दिए की रोशनी में पढ़ाई की है इसलिए उनका दर्द समझता हूं.
सौभाग्य से चमकेगा हरेक भारतीय का भाग्य
प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद भी देश के 18,000 गांव जिनमें बिजली नहीं थी उनमें से 15,000 गावों तक बिजली पहुंचाई जा चुकी है. पीएम ने ने कहा कि ‘सौभाग्य योजना’ से बिजली पहुंचने पर हरेक भारतीय का भाग्य चमकेगा. उन्होंने कहा कि बिजली उत्पादन और वितरण से जुड़ी 69,0000 करोड़ रुपये से ज्यादा की परियोजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी है. पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों की सेहत में सरकार ने सुधार किया. सालों तक देश में पावर सेक्टर की उपेक्षा से इन्हें घाटा हो रहा था. उदय योजना के एक ही वर्ष 2016 में डिस्कॉम कंपनियों का सालाना नुकसान कम हुआ है.
न्यू इंडिया के हर घर में बिजली कनेक्शन जरूर होगा
मोदी ने कहा कि रीन्यूएबल एनर्जी दोगुनी हो गई, सोलर एनर्जी की क्षमता पांच गुना हो गई है. बिजली ट्रांसमिशन में निवेश बढ़ाकर लक्ष्य से 12 फीसदी ज्यादा ऊर्जा का उत्पादन किया गया है. केंद्र सरकार बनने के बाद बिजली उत्पादन बढ़ाने पर लगातार जोर दिया जा रहा है. सुलभ, स्वच्छ, सुरक्षित बिजली देने पर सरकार का जोर है. सौभाग्य योजना देश की ऊर्जा क्रांति का प्रतीक है. उन्होंने कहाकि अब बिजली संकट नहीं, बिजली सरप्लस की खबरें आपको सुनने को मिलती हैं. नए आयाम, नए स्वरूपों, नई दिशा के लिए पुरानी परंपरा को छोड़ना पड़ता है और सरकार इसके लिए तैयार है. सरकार ने पहले के कोयला घोटाले जैसे निराशाजनक माहौल को बदलकर कोयले की पारदर्शी तरीके से नीलामी की. अब बिजली घरों में कोयला न होने की खबरें नहीं आती हैं. अब न्यूक्लियर पावर, सोलर, पावर, हाइड्रो पावर सभी से ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने की दिशा में काम हो रहा है. पीएम ने कहा कि न्यू इंडिया के हर घर में बिजली कनेक्शन जरूर होगा.
क्या है ‘सौभाग्य योजना’
सौभाग्य योजना पर 16320 करोड़ का खर्च होगा.
सौभाग्य योजना बिहार, उत्तर प्रदेश, एमपी, ओडिशा, झारखंड, जम्मू कश्मीर, राजस्थान और पूर्वोत्तर राज्यों में केंद्रित होगी.
सुदूर और दुर्गम इलाकों के उन घरों में जहां बिजली नहीं है, उनके लिए बैट्री बैंक सहित 200-300 डब्लूपी का सोलर पावर पैक मुहैया कराया जाएगा.
स्कीम के तहत इन बैट्री बैंकों की 5 साल के लिए मरम्मत और निगरानी की सुविधा भी दी जाएगी.
सामाजिक आर्थिक और जातीय जनगणना के आधार पर लोगों की पहचान की जाएगी.
सेंसस में शामिल उन लोगों को जिनके पास बिजली कनेक्शन नहीं है उन्हें मुफ्त कनेक्शन मिलेगा.
जिनका नाम सेंसस में नहीं है उन्हें 500 रुपए में कनेक्शन मिलेगा, जो 10 किश्तों में कटेगा.
गांवों के लिए 14025 करोड़ रुपये दिए जाएंगे. शहरों के लिए 2295 करोड़ का खर्च किया जाएगा.