जमशेदपुर: गुड़गांव में पुलिस के साथ मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार इनामी जमशेदपुर का गैंगस्टर अखिलेश सिंह रिटायर्ड दारोगा चंद्रगुप्त सिंह का बेटा है. चंद्रगुप्त सिंह झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन के मामंत्री व अध्यक्ष रह चुके हैं. सिपाही की नौकरी से पुलिस सेवा में आये चंद्रगुप्त सिंह अभी आजसू पार्टी में हैं.
पुलिस सेवा व पुलिस एसोसिएशन में रहने के दौरान चंद्रगुप्त सिंह पर अपने बेटे अखिलेश को बचाने के आरोप लगते रहे हैं. आरोप लगा कि पिता के प्रभाव में एक खास वर्ग का पुलिस अफसर अखिलेश को मदद करता रहा है. पुलिस में जातीय समीक्रण के तहत दूसरे वर्ग पर अखिलेश को फांसने का आरोप लगता रहा है. पुलिस पिता का बेटा अखिलेश सिंह संभ्रांत परिवार का रहा है. अखिलेश ने पार्टनरशिप में जमशेदपुर में न्यू गुलशन रोडलाइंस नामक ट्रांसपोर्ट का बिजनेस शुरू किया था. इस बिजनेस में रहने के दौरान जमशेदपुर के ट्रांसपोर्टर अशोक शर्मा की हत्या हो गयी. ट्रांसपोर्टर की हत्या में अखिलेश सिंह का हाथ की बाता कही गयी. ओमप्रकाश काबरा के अपहरण में भी अखिलेश सिंह की संलिप्तता की बात सामने आयी.दोनों में आपराधिक मामले में कोर्ट से वह बरी हो चुका है.
अखिलेश अपराध की दलदल में फंसता गया. पिता चंद्रगुप्त का आरोप था कि पुलिस में एक खास वर्ग के अफसरों ने अखिलेश को अपराधी बनाया. साजिश के तहत आपराधिक मामलों में नामजद किया. जमशेदपुर में चार दर्जन से अधिक आपराधिक वारदात का आरोपी गैंगस्टर अखिलेश दो साल से अधिक समय से पुलिस को चकमा दे रहा था. इस दौरान वह काफी दिनों तक भागकर नेपाल में भी रहा है. फरारी के दौरान ही अखिलेश ने शादी की है. अखिलेश सजा पाने के बाद पेरोल पर बाहर आया और भाग गया. पुलिस से बचने के वह वाराणसी, नोएडा, दिल्ली, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, हरियाणा आदि जगहों पर ठिकाना बदलता रहा. अखिलेश पहले यूपी व बिहार के सीमा क्षेत्र में शरण लेता रहा है.
पुलिस अखिलेश को नोएडा से 29 दिसंबर, 2011 को गिरफ्तार की थी. पुलिस पूछताछ में उसने बताया था कि फरारी में वह पूर्व में राज्य के कई होटलों, रांची स्थित पुरानी पुलिस लाइन के पीछे, बनारस में ससुर चंदन सिंह के आवास पर, नोएडा में तथा नयी दिल्ली के द्वारका क्षेत्र में शरण लेता रहा है. बताया जाता है कि रांची में तो पुलिस एक बार उसे होटल में दबोचने की योजना बनायी थी. पुलिस वालों ने की सीनीयर अफसर को गुमराह कर उसके ठिकाने पर छापामारी रोकवा दी थी.
सूत्रों का कहना कि अखिलेश सिंह ने कई राज्यों में रीयल इस्टेट के धंधे में कराड़ों रुपये निवेश किया है. अपराध जगत में कदम रखने के बाद उसने अकूत संपत्ति अर्जित कर रखी है. अखिलेश अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा उसने ट्रांसपोर्ट, रीयल इस्टेट समेक अन्य के बिजनेस में लगा रखा है. टाटा समेत कोल्हान की कई कंपनियों में भी उसका काम चलता है. यूपी, उतराखंड व हरियाणा में भी अखिलेश का निवेश है.
झारखंड समेत कई राज्यों के अलग-अलग हिस्सों में अखिलेश सिंह के फ्लैट व संपत्ति हैं. वह दूसरे लोगों के नाम पर वह करोड़ों रुपये का बिजनेस कर रहा है. उसने हाईवा, ट्रेलर अौर पीसी समेत अन्य व्यवसायिक वाहनों दूसरों के नाम पर खरीद रखे हैं.
जज, इंस्पेक्टर पर भी किया है फायरिंग
जमशेदपुर : गैंगस्टर अखिलेश पर कई बड़े आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने का आरोप है. जमानत पर छूटने के बाद फरार होने से पहले भी उसने कई बड़े अपराध किये. इसमें श्रीलेदर्स के मालिक आशीष डे की हत्या का भी आरोप है. पुलिस इंस्पेक्टर अभय नारायण सिंह पर गोली चलानेवाले इस गैंगस्टर ने पूर्व जज आरपी रवि पर भी फायरिंग किया था.
अखिलेश अपने खिलाफ आवाज उठाने वालों को डराने-धमकाने और उसकी बोलती बंद करने के लिए उसके घर पर फायरिंग करवाता था. श्रीलेदर के मालिक आशीष डे की हत्या वर्ष 2007 में करने के बाद उसने वर्ष 2008 में उनके घर पर गोली चलवायी थी. इसका मकसद था कि परिवार के लोग डर जायें और उसके खिलाफ चल रहा मामला कमजोर पड़ जाये. मोस्ट वांटेड अखिलेश पर जमशेदपुर में चार दर्जन से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं. आरोप है कि एक वर्ष के दौरान उसने करीब एक दर्जन से अधिक आपराधिक वारदात को अंजाम दिया.
अखिलेश के एक साल के वारदात
नवंबर, 2007 : साकची आम बागान के पास श्रीलेदर्स के मालिक आशीष डे की हत्या
मार्च, 2008 : साकची में पूर्व जज आरपी रवि पर फायरिंग
मार्च, 2008 : साकची में रवि चौरसिया पर फायरिंग की
मई, 2008 : साकची में श्रीलेदर्स के मालिक आशीष डे के घर पर फायरिंग
जुलाई, 2008 : बिष्टुपुर में कांग्रेस नेता नट्टू झा के कार्यालय पर अखिलेश के गुर्गों ने गोली चलायी
अगस्त, 2008 : बर्मामाइंस में अपराधी परमजीत सिंह के भाई सत्येंद्र सिंह की ससुराल में फायरिंग
अगस्त, 2008 : साकची में ठेकेदार रंजीत सिंह पर फायरिंग
सितंबर, 2008 : एमजीएम अस्पताल मोड़ पर परमजीत सिंह पर फायरिंग
अक्तूबर, 2008 : बिष्टुपुर में बाॅग-ए-जमशेद के पास टाटा स्टील के सुरक्षा अधिकारी जयराम सिंह की हत्या