तीन साल में तीन बार मोदी की कैबीनेट में फेरबदल, जदयू और अन्नाद्रमुक के शामिल होने पर अनिश्चितता
3 सितंबर यानि कल पीएम मोदी की कैबीनेट में फेरबदल किया जाना है. इस फेरबदल में 10 नए चेहरों के शामिल होने की भी बात कही जा रही है. पीएम के द्वारा किए जा रहे इस फेरबदल में जदयू और अन्नाद्रमुक के केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने पर फिलहाल अनिश्चितता दिख रही है.
अन्नाद्रमुक में अंदरुनी कलह
तमिलनाडू की पार्टी में अंदरुनी कलह चल रही है. यह कलह सरकार में शामिल होने के लिए सबसे बड़ा रोड़ा साबित हो सकता है. पार्टी के अंदर हो रहे इस कलह को दूर करने के लिए अन्नाद्रमुक टीटीवी दिनाकरण की बगावत से जूझ रही है.
जदयू को नहीं है जानकारी
जदयू का कहना है कि उन्हें अब तक सरकार में शामिल होने की जानकारी नहीं दी गई है. जदयू के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘हमारे सांसद दिल्ली में हैं. सरकार में शामिल होने को लेकर पार्टी में कोई विवाद नहीं है लेकिन कल फेरबदल होने के बावजूद अब तक कोई संवाद नहीं किया गया है.’’
भाजपा ने उलझन को किया खारिज
भाजपा के सूत्रों ने इन दोनों दलों के सरकार में शामिल होने को लेकर चल रही उलझन को खारिज करते हुए कहा कि चीजें ठीक हो जाएंगी. ऐसा माना जा रहा है कि मोदी की ओर से योग्यता और व्यवहारिक राजनीति पर दिए जाने वाले जोर के बीच संतुलन के तहत छह से ज्यादा मंत्रियों को नए चेहरों के लिए अपने पद छोड़ने पड़ सकते हैं.
किन-किन लोगों ने दिया इस्तीफा
सरकार के एक शीर्ष अधिकार ने कल कहा था, ‘‘रविवार को लगभग 10 बजे राष्ट्रपति भवन में शपथ ग्रहण समारोह के लिए प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है.’’ जिन केंद्रीय मंत्रियों ने फेरबदल से पहले कल इस्तीफा दिया था, उनके नाम हैं- कलराज मिश्र, बंडारू दत्तात्रेय, राजीव प्रताप रूडी, संजीव कुमार बाल्यान, फग्गन सिंह कुलस्ते और महेंद्र नाथ पांडे. उमा भारती ने भी इस्तीफे की पेशकश की थी लेकिन भाग्य संभवत: उनके पक्ष में है. हालांकि ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि कई अन्य लोगों का इस्तीफा हो सकता है.
क्या कहना है उमा भारती का
जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने कहा था कि इस मुद्दे पर सिर्फ शाह या उनकी ओर से कोई अन्य व्यक्ति ही बोल सकता है. उमा भारती ने ट्वीट किया, ‘‘मीडिया ने कल से चल रही खबरों पर मेरी प्रतिक्रिया मांगी. मैंने कहा है कि मैंने सवाल नहीं सुना है, न मैं सुनूंगी और न ही मैं जवाब दूंगी.’’ शाह ने शुक्रवार को मोदी से मुलाकात की थी और ऐसा माना जा रहा है कि दोनों नेताओं ने मंत्री परिषद के बदलावों पर फैसला कर लिया है.
क्या है संभावनाए
सूत्रों के अनुसार, इस समय दो बड़े मंत्रालय- वित्त एवं रक्षा- संभाल रहे अरूण जेटली के पास संभवत: अब एक ही मंत्रालय रह जाए. अधिक सक्षम मंत्रियों में से एक माने जाने वाले नितिन गडकरी फिलहाल सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री हैं. उन्हें अधिक जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है.
सूत्रों के अनुसार, हाल में हुई रेल दुर्घटनाओं की नैतिक जिम्मेदारी लेने वाले और इस्तीफे की इच्छा का संकेत देने वाले रेलमंत्री सुरेश प्रभु को किसी अन्य मंत्रालय में भेजा जा सकता है.
स्टील मंत्री बीरेंद्र सिंह समेत कई अन्य मंत्रियों को दूसरे मंत्रालयों में भेजा जा सकता है.
पार्टी के बीच संभावित मंत्रियों के तौर पर भाजपा के महासचिव भूपेंद्र यादव, पार्टी के उपाध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धे, प्रहलाद पटेल, सुरेश अंगदी, सत्यपाल सिंह, हिमंता बिस्वा सरमा, अनुराग ठाकुर, शोभा करंदलाजे, महेश गिरी और प्रहलाद जोशी का नाम चर्चा में है.
पार्टी के एक नेता ने कहा कि बिजली मंत्री पीयूष गोयल, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा को सरकार में अच्छा प्रदर्शन करने वाले नेताओं के रूप में देखा जाता है. इनमें से कुछ लोगों को पदोन्नत भी किया जा सकता है.
नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जदयू के सरकार में शामिल होने की संभावनाओं के बीच ऐसा माना जा रहा है कि इसके नेता आर सी पी सिंह और संतोष कुमार को चुना जा सकता है.
आर सी पी सिंह राज्यसभा में पार्टी के संसदीय दल के नेता हैं.
अन्नाद्रमुक के नेता थंबीदुरै ने कल शाह से मुलाकात की थी. यदि तमिलनाडु की यह पार्टी सरकार में शामिल होने का फैसला करती है तो थंबीदुरैऔर पार्टी नेता पी वेणुगोपाल एवं वी मैत्रेयन अपने राज्य का प्रतिनिधित्व कर सकते है.। हालांकि पार्टी ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है.
इसके अलावा तेदेपा और शिवसेना जैसे मौजूदा सहयोगियों को भी ज्यादा प्रतिनिधित्व मिलने से जुड़ी चर्चाएं गर्म हैं.
मंत्री परिषद की अधिकतम और न्यूतम संख्या
मंत्री परिषद में फिलहाल प्रधानमंत्री समेत 73 मंत्री हैं. मंत्रियों की अधिकतम संख्या 81 से ऊपर नहीं जा सकती. संविधान के संशोधन के अनुसार, यह सीमा लोकसभा की सदस्य संख्या यानी 545 के 15 प्रतिशत से ऊपर नहीं जा सकती. कुछ पद रिक्त होने के कारण कई वरिष्ठ मंत्री दो-दो विभाग भी संभाल रहे हैं. जेटली के अलावा हर्षवर्धन, स्मृति ईरानी और नरेंद्र सिंह तोमर के पास अतिरिक्त प्रभार हैं.
दो बार मंत्री परिषद का विस्तार दे चुकें हैं मोदी
मई 2014 में पद संभालने के बाद मोदी अब तक दो बार मंत्री परिषद को विस्तार दे चुके हैं. पहला विस्तार नौ नवंबर 2014 को और दूसरा विस्तार पांच जुलाई 2016 को दिया गया.