दो साल पहले पाकिस्तान से लौटी गीता पर जामताड़ा का एक परिवार अपनी दावेदारी कर रहा है. गीता का पिता होने का दवा करने वाले का नाम सोखा किस्कू है. वे नारायणपुर थाना क्षेत्र के बड़ावेवा गांव के रहने वाले हैं. अपनी बेटी से मिलने की गुहार लगाने सोखा अपनी पत्नी लगोनी, बड़ी बेटी चांद मुनी किस्कू और गांव के लोगों के साथ उपायुक्त रमेश कुमार दुबे के कार्यालय पहुंचे. उन्होंने उपायुक्त को लिखित आवेदन दिया की पाकिस्तान से लौटी गीता उनकी बेटी है जो 12 साल पहले घर से लापता हो गयी थीं. उन्होंने कहा की गीता का असली नाम मिलोनी है, साथ ही यह भी दवा किया कि गीता के बांये आंख के नीचे तिल का निशान है और एक पैर की एड़ी में कटे का दाग है. उन्होंने यहा तक दवा किया है कि वे डीएनए कराने के लिए भी तैयार हैं.
गृह विभाग से आदेश आने के बाद होगी आगे की कार्रवाईः उपायुक्त
सोखा और उसके परिजनों को उपायुक्त रमेश कुमार दुबे ने आश्वासन दिया की उनके आवेदन को आगे बढाया जायेगा, साथ ही उन्होंने राज्य के गृह सचिव एसकेजी राहटे से भी बात की. डीसी ने कहा कि गृह विभाग से आदेश आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जायेगी.
कौन है गीता
गीता एक मूक बधिर लड़की है. जो आज से 12 साल पहले भटकते हुए पाकिस्तान पहुच गयी थी. पाकिस्तान जाने के बाद पाकिस्तान की इदी नाम की एक संस्था ने उसको अपने साथ रखा. उसका बढिया से देख भाल किया. इदी संस्था ने ही इस लड़की का नाम गीता रखा था. क्योकि ये लड़की भारत की थी. इस बात की जानकारी जब विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को हुई तो उन्होंने गीता के परिजनों की तलाश शुरू कर दिया. गीता का परिजन होने का कई लोगों ने दावा किया.
कई लोगों ने दावा किया की गीता है उनकी बेटी
जब वह पाकिस्तान में थी उस वक्त भी कई लोगों ने दावा किया की वह उनकी ही बेटी है. इस संबंध में कई लोगों के फोटो को पाकिस्तान भेजा गया, लेकिन गीता ने सभी कि तस्वीर को इनकार कर दिया. एक फोटो जो भारत से भेजा गया उस फोटो को देख कर गीता ने कहा कि ये उनके परिजन है. उसके बाद उसे पाकिस्तान से भारत लाया गया.
इंदौर में रखा गया है गीता को
गीता जब एयरपोर्ट पहुचीं तो उसके परिजन भी वहां आये, लेकिन गीता ने कहा कि ये उनके परिजन नहीं हैं. पाकिस्तान से आने के बाद गीता को इंदौर के एक मूक बधिर संस्था में रखा गया है, जहां गीता को पढाया जा रहा है. इस बात की जानकारी करीब पांच दिन पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वारज ने डीडीवन चैनल के माध्यम से दिया था. उन्होंने यहां तक कहा है कि गीता को उसके परिजन से मिलवाने वाले को एक लाख का इनाम भी दिया जायेगा.
जनार्दन महतो का नहीं हुआ था डीएनए मैच
जब से गीता का मामला सामने गया है तब से अब तक कुल 12 लोगों ने गीता को अपनी बेटी होने का दावेदारी किया है. यहां तक की बिहार के सहरसा गांव के जनार्दन महतो ने भी उसे अपनी बेटी बताया था. 2015 में जनार्दन महतो का डीएनए टेस्ट भी किया गया, लेकिन जनार्दन का डीएनए गीता से मैच नहीं हुआ था.
अगर ये हैं गीता के परिजन तो अबतक कहां थे
सवाल ये है कि क्या ये वाकई गीता के परिजन हैं. अगर ये गीता के परिजन हैं तो 12 साल तक ये लोग कहां थे. दो साल पहले जब गीता पाकिस्तान ले लायी तब जा कर इन लोगों ने 28-10-2015 को नारायणपुर थाना में गीता की गुम होने की मामला दर्ज कराया था. फिलहाल सच तो डीएनए टेस्ट से ही सामने आयेगा.