गिरिडीह के गांडेय प्रखंड के आदिवासी बहुल चरकमारा गांव के पंचायत का अजीबोगरीब फरमान ने सबको हैरान कर दिया है. यौन शोषण की एक पीड़िता ने जब पंचायत से न्याय की गुहार लगायी तब पंचायत ने उसे डीएनए टेस्ट कराने का फैसला सुना दिया. पंचायत ने कहा कि बच्चा आरोपी लड़के का है या नहीं ये जानने के लिए डीएनए टेस्ट करवाना पड़ेगा. डीएनए टेस्ट के आधार पर ही आरोपी पर कार्रवाई होगी. पंचायत के इस फैसले के खिलाफ पीड़िता कोर्ट गयी. वहां भी मामला लंबित है. 5 महीने का गर्भ लेकर पीड़िता न्याय की आस में दर-दर भटक रही है. सोमवार को वो डीसी से न्याय की गुहार लगाने जिला समाहरणालय भी पहुंची.
युवक ने शादी का झांसा देकर किया यौन शोषण
युवती ने चकरमारा गांव के युवक संतोष मुर्मू पर यौन शोषण का आरोप लगाया है. उसका कहना है कि संतोष ने शादी का झांसा देकर उसका यौन शोषण किया. जब वह प्रेग्नेंट हो गयी तो उसने संतोष से शादी करने को कहा. संतोष ने पहले तो टालने की कोशिश की, लेकिन जब वह शादी के दबाव बनाने लगी तो उसने कड़ाई से इनकार कर दिया. इसके बाद पीड़िता ने अपने परिजनों को पूरी घटना से अवगत कराया. परिजनों ने पंचायत में जाकर इंसाफ की गुहार लगायी. समय तय हुआ और पंचायत लगी. पंचायत ने आरोपी पर कार्रवाई करने और मध्यस्ता कर दोनों की शादी कराने के बजाए उल्टे पीड़िता को ही डीएनए टेस्ट करवाने का फरमान सुना दिया.
पूछ रही है पीड़िता, आखिर कब मिलेगा इंसाफ
कोर्ट में हजारों केस पेंडिंग पड़े हैं. जबतक पीड़िता के केस का नंबर आयेगा और उसे इंसाफ मिलेगा तबतक बहुत देर हो चुकी होगी. उसने गांव में ही मामले को सुलझाने की पूरी कोशिश की, लेकिन पंचायत ने उसका दर्द समझने के बजाए उसे और भी ज्यादा परेशानी में डाल दिया है. अब वह जिला के अधिकारियों से न्याय की गुहार लगा रही है. वह सबसे यही पूछ रही है कि आखिर कब उसे इंसाफ मिलेगा.