-नीरज सिंह हत्याकांड
-सुल्तानपुर (यूपी) के जेल में है बंद
-शूटरों को बुलाने व हथियार उपलब्ध कराने का है आरोप
धनबाद नगर निगम के पूर्व डिप्टी मेयर व कांग्रेस नेता नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या के मामले में गुरुवार को केस के अनुसंधानकर्ता निरंजन तिवारी ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी राजीव रंजन की अदालत में एक आवेदन दायर कर सुल्तानपुर (यूपी) जेल में बंद पंकज सिंह के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी करने का आग्रह किया. अदालत ने प्रोडक्शन वारंट जारी कर दिया. पंकज पर नीरज सिंह की हत्या के लिए शूटरों को बुलाने का आरोप है. अब आइओ वारंट लेकर सुल्तानपुर जायेंगे तथा वहां से पंकज को धनबाद लायेंगे. पंकज सिंह नीरज हत्या मामले का मास्टरमाइंड है. उसी ने शूटरों को हथियार भी उपलब्ध कराया था. हत्या 21 मार्च, 17 को हुई थी. विदित हो कि कुछ दिन पहले ही पंकज ने सुल्तानपुर कोर्ट में सरेंडर किया था. वहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. इस बीच सरायढेला पुलिस पंकज को लाने की तैयारी में जुट गयी है. जल्द ही पुलिस की टीम सुल्तानपुर रवाना होगी.
विनोद की जमानत पर सुनवाई आज
नीरज सिंह हत्या मामले में जेल में बंद विनोद सिंह ने गुरुवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी राजीव रंजन की अदालत में जमानत अर्जी अपने अधिवक्ता सहदेव महतो के मार्फत दायर की. उसने दंप्रसं की धारा 91 के तहत एक दूसरा आवेदन दायर कर आइओ को सम्मन निर्गत करने का अाग्रह किया, ताकि सीडीआर उपलब्ध करायी जा सके. दोनों आवेदनों पर सुनवाई शुक्रवार को होगी. विनोद सिंह पर रेकी करने का आरोप है.
संजय सिंह हत्याकांड में रामधीर की पेशी
कोयला व्यवसायी संजय सिंह हत्याकांड की सुनवाई गुरुवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश एसके पांडेय की अदालत में हुई. अदालत हाइकोर्ट के आदेश की प्रतीक्षा कर रही है. वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हजारीबाग जेल में बंद रामधीर सिंह की पेशी करायी गयी. अन्य आरोपी पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के नाती रविशंकर सिंह उर्फ पप्पू सिंह गैरहाजिर थे. उनकी ओर से उनके अधिवक्ता जया कुमार ने दंप्रसं की धारा 317 का आवेदन दायर किया. अब इस मामले में सुनवाई एक नवंबर को होगी. 27 सितंबर, 96 को एसपी कोठी के सामने सड़क पर अपराधियों ने संजय सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी थी.
विधायक संजीव सिंह मामले में सुनवाई
कतरास मोड़ स्थित ट्रांसपोर्ट में घुस कर मारपीट करने के एक मामले की सुनवाई गुरुवार को न्यायिक दंडाधिकारी मिस कुमारी जीव की अदालत में हुई. अदालत ने आरोप गठन करने की अगली तिथि मुकरर्र कर दी. झरिया के भाजपा विधायक संजीव सिंह की ओर से उनके अधिवक्ता जावेद ने पैरवी की. 9 सितंबर, 13 को संजीव सिंह ने अपने समर्थकों के साथ ट्रांसपोर्ट में जाकर मो शहजाद आलम के साथ मारपीट की थी. घटना के बाद आलम ने झरिया थाना में कांड संख्या 381/13 दर्ज कराया. उसने संजीव सिंह, विजय सिंह, अविनाश सिंह, अभिषेक सिंह, आलोक सिंह व अरविंदम बनर्जी को नामजद अभियुक्त बनाया था.
देह व्यापार करानेवाली को सात वर्ष की सजा
एक युवती को नौकरी दिलाने का प्रलोभन देकर उससे देह व्यापार कराने के एक मामले में गुरुवार को पोक्सो के विशेष न्यायाधीश सैयद मतलूब हुसैन की अदालत ने सजा के बिंदु पर अपना फैसला सुनाते हुए जेल में बंद धनसार निवासी रेखा सिंह को सात वर्ष की कैद व 25 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई. फैसला सुनाये जाने के वक्त अपर लोक अभियोजक ओमप्रकाश तिवारी भी मौजूद थे. छह मार्च, 16 को रेखा ने अपनी बगल की एक युवती को नौकरी दिलाने का प्रलोभन देकर बुलाया और उससे देह व्यापार कराने लगी. घटना की सूचना जब पीड़िता की मां को मिली, तब उसने धनसार थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी. केस के आइओ ने 30 मई, 16 को चार्जशीट दायर की.
लड़की का अपहरण करनेवाले को तीन वर्ष कैद
निचितपुर निवासी एक लड़की का अपहरण करने के मामले में गुरुवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश पंचम महेंद्र प्रसाद की अदालत ने अपना अहम फैसला सुनाया. आनंद सिंह को भादंवि की धारा 363 में दोषी पाकर तीन वर्ष कैद व पांच हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई गयी. बाद में अदालत ने सजायाफ्ता को झारखंड उच्च न्यायालय में क्रिमिनल अपील याचिका दायर करने के लिए अंशकालिक जमानत दे दी. 14 जनवरी, 17 को आठ बजे दिन में आरोपी ने एक लड़की का अपहरण कर लिया था. घटना के बाद महेंद्र चौहान ने कतरास थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
मारपीट मामले में तीन को दो वर्ष की सजा
अपर जिला व सत्र न्यायाधीश 11 एसके पांडेय की अदालत ने गुरुवार को मारपीट के एक मामले में अपना अहम फैसला सुनाते हुए सरायढेला निवासी मानिक सिंह, बद्री सिंह व राजेंद्र सिंह को दो-दो वर्ष की कैद व तीन-तीन हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई. बाद में अदालत ने सजायाप्ताओं को हाइकोर्ट में अपील करने के लिए अंशकालिक जमानत दे दी. 26 अप्रैल, 2005 को विमल कुमार 8 बजे दिन में नीलांचल हाउसिंग कॉलोनी में ली गयी जमीन की चहारदीवारी करा रहे थे, तभी आरोपियों ने आठ-दस लोगों के साथ जाकर घटना को अंजाम दिया था. आइओ ने 31 दिसंबर, 05 आरोप पत्र दायर किया. अभियोजन ने छह गवाहों की गवाही करायी.
आइओ के खिलाफ वारंट जारी
खरखरी निवासी सुबोध पांडेय हत्याकांड की सुनवाई अपर जिला व सत्र न्यायाधीश अष्टम संजय कुमार की अदालत में हुई. अदालत में अभियोजन की ओर से आइओ को छोड़ सभी गवाहों की गवाही हो चुकी है. आइओ की गवाही को लेकर केस लंबित है. इस मामले में अदालत ने नाराजगी जतायी और केस के आइओ शंभु चौहान के खिलाफ गैर जमानतीय वारंट जारी करने साथ ही डीजीपी झारखंड को पत्र प्रेषित कर उसका वेतन रोकने का आदेश दिया. 13 अगस्त, 11 को सुबोध पांडेय की हत्या कर शव को बगल के एक तालाब में फेंक दिया गया था. घटना के बाद मृतक के पिता उमाकांत पांडेय ने बाघमारा (खरखरी) थाना में छोटू तिवारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी थी.