चुनाव आयोग ने हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव की तारीख का एलान कर दिया है. 13 से 23 अक्टूबर तक नामांकन, 9 नवंबर को मतदान और 18 दिसंबर को मतगणना होगी. चुनाव आयोग ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि इस बार सभी बूथों पर VVPAT मशीन का इस्तेमाल होगा. मुख्य चुनाव आयुक्त अचल कुमार ज्योति ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 7521 पोलिंग स्टेशन हैं. सभी पोलिंग स्टेशन ग्राउंड फ्लोर पर होंगे और सभी जगहों पर वीवीपैट (VVPAT) का इस्तेमाल किया जाएगा. आयोग ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में आज से आचार संहित लागू होगी. आयोग ने जानकारी देते हुए कहा कि पहली बार किसी राज्य चुनाव में पूरी तरह वीवीपैट का इस्तेमाल किया जाएगा. हर उम्मीदवार चुनाव प्रचार में अधिकतम 28 लाख रुपये खर्च कर सकता है. हर चुनावी रैली की वीडियोग्राफी होगी. चुनाव आयोग ने यह भी निर्देश जारी किया है कि हिमाचल चुनाव में उम्मीदवारों को एफिडेविट में हर कॉलम भरना होगा, एफिडेविट पूरा नहीं भरने पर उम्मीदवारों पर नोटिस जारी होगा.
68 विधानसभा सीटों के लिए एक चरण में वोटिंग
हिमाचल प्रदेश में कुल 68 विधानसभा सीटे हैं. इन 68 सीटों में 2017 में कौन सी पार्टी बड़ी बनकर उभरेगी ये तो वक्त ही बताएगा, लेकिन पिछले चुनावों के बात करें तो उस समय कांग्रेस बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. कांग्रेस ने बीजेपी को लगभग 9 सीटों से मात दी थी. 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी 36 सीटों पर काबिज हुई थी, जबकि बीजेपी ने 27 सीटों पर जीत हासिल की थी. इसके अलावा चार निर्दलीय एवं एक सीट हिलोपा के हिस्से में आई थी. उस समय चुनावों में बीजेपी अपनी जीत के प्रति आश्वस्त थी, लेकिन प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगड़ा ने बीजेपी की उम्मीदों पर पानी फेर दिया और बीजेपी को कांगड़ा से मात्र 3 सीटें ही मिल पाई. कांग्रेस ने कांगड़ा में 10 सीटें जीतकर सरकार बना ली.
गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान अभी नहीं
चुनाव आयोग ने यह भी साफ किया कि आज गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं किया जाएगा. इससे पहले चुनाव आयोग ने संकेत दिए थे कि गुजरात चुनाव दिसम्बर में हो सकते हैं. मुख्य चुनाव ने कहा कि गुजरात में 50 हजार से अधिक मतदान केंद्रों पर मतदाता मतदान सत्यापन पर्ची (VVPAT) प्रणाली का प्रयोग होगा. इसके अलावा आयोग पहली बार इन चुनावों में महिलाओं के लिए मतदान केंद्र बनाने जा रहा है. उन्होंने कहा कि वहां चुनाव दिसंबर में होंगे, क्योंकि वर्तमान गुजरात विधानसभा का कार्यकाल अगले वर्ष जनवरी के तीसरे सप्ताह में खत्म हो रहा है.
वोटर वेरीफ़ाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल यानी वीवीपैट व्यवस्था के तहत वोटर डालने के तुरंत बाद काग़ज़ की एक पर्ची बनती है. इस पर जिस उम्मीदवार को वोट दिया गया है, उनका नाम और चुनाव चिह्न छपा होता है. यह व्यवस्था इसलिए है कि किसी तरह का विवाद होने पर ईवीएम में पड़े वोट के साथ पर्ची का मिलान किया जा सके. ईवीएम में लगे शीशे के एक स्क्रीन पर यह पर्ची सात सेकंड तक दिखती है. भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड ने यह मशीन 2013 में डिज़ाइन की. सबसे पहले इसका इस्तेमाल नागालैंड के चुनाव में 2013 में हुआ. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने वीवीपैट मशीन बनाने और इसके लिए पैसे मुहैया कराने के आदेश केंद्र सरकार को दिए. चुनाव आयोग ने जून 2014 में तय किया किया अगले चुनाव यानी साल 2019 के चुनाव में सभी मतदान केंद्रों पर वीवीपैट का इस्तेमाल किया जाएगा.
हिमाचल प्रदेश विधानसभा पर एक नजर
हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की कुल सीट 68 है
– 2012 में कांग्रेस ने यहां 36 सीटें जीती थी
– बीजेपी को 26 सीटों पर जीत मिली थी
– निर्दलीय सहित अन्य के खाते में तब 6 सीटें गई
– 2014 में बीजेपी 59 सीटों पर आगे थी
– कांग्रेस तब 9 सीटों पर ही आगे थी
– 2012 में कांग्रेस को 43, बीजेपी को 38.47 प्रतिशत वोट
– 2014 में बीजेपी को 53 और कांग्रेस को 41 प्रतिशत वोट मिले