निकला सामान पुलिस को रखना पड़ा घर में
वासेपुर कमर मकदुमी रोड में शनिवार को फहीम के भांजे प्रिंस खान उर्फ हैदर अली का घर कुर्क करने गयी पुलिस की टीम को बैरंग लौटना पड़ा. पुलिस ने कुछ सामान घर से निकाला था, लेकिन घंटे भर में उसे घर के अंदर रखना पड़ा. अधिवक्ता शहबाज सलाम ने पुलिस को एफिडेविट दिया कि संबंधित केस में प्रिंस जमानत पर है. इसी आधार पर पुलिस ने कार्रवाई रोक दी. बैंक मोड़ थानेदार शमीम अहमद खान, भूली ओपी प्रभारी प्रवीण कुमार के साथ चार जमादार, दर्जन भर सशस्त्र बल के जवान व महिला पुलिस कुर्की करने पहुंचे थे. बैंक मोड़ के टाइगर जवानों को भी बुला लिया गया था.
बैंक मोड़ थानेदार के नेतृत्व में पुलिस दिन के 11 बजकर 43 मिनट पर कमर मकदुमी रोड में फहीम के जीजा नसीर खान के घर पहुंची. घर पर नसीर खान, उसके बेटे बंटी, गोपी, गॉडवीन व प्रिंस समेत कोई पुरुष सदस्य नहीं था. पुलिस की ओर से घरवालों को बताया गया कि प्रिंस के खिलाफ कुर्की वांरट निर्गत है. कुर्की की जायेगी. महिलाएं घर खोलने को तैयार नहीं हुईं. फहीम की बहन नासरीन खातून ने कहा कि बेटा तो सभी केस में बेल पर है. कुर्की वारंट कब निकला, वे लोग तो जानते नहीं है. वकील साहब आ रहे हैं, तब घर खुलेगा. पुलिस टीम घर के सामने गोपी के ऑफिस पहुंची. ऑफिस में खड़े वाहन स्कर्पियो की चाबी ले ली. पुलिस घर के सामने बैठ गयी.
गोपी एंड फैमिली की तरफ से वकील उदय भट्ट मौके पर पहुंचे. पुलिस ने उन्हें कुर्की वारंट दिखलाया. वकील ने पुलिस को बताया कि संबंधित केस के बारे में नहीं जानते हैं. घर का मुख्य दरवाजा नीचे से खुला तो थानेदार ने महिला एएसआइ हीरा कुमारी व अन्य को बैठा दिया. घर के ऊपर जाने का गेट नहीं खोला गया. फहीम की बहन लगातार अपने बेटों से फोन पर बात कर रही थी. पुलिस का कहना था कि बेटे प्रिंस को सरेंडर कराओ या कुर्की करने दो. काम में बाधा डाला गया तो सरकारी कार्य में बाधा डालने का केस दर्ज होगा. महिलाएं भी गिरफ्तार होंगी. नासरीन एक दिन का समय मांग रही थी. वह कहती रही कि प्रिंस किसी दूर जगह पर है अभी लौट नहीं सकता है. गोपी एंड कंपनी की जांच में पता चला कि संबंधित केस में जमानत मिली हुई है. केस अधिवक्ता शहबाज सलाम देख रहे हैं. अधिवक्ता शहबाज खुद वहां पहुंचे. पुलिस को बताया कि प्रिंस बेल पर है. केस में कुर्की पुरानी है. पुलिस रिकॉल या ऑर्डर की कांपी मांग रही थी.
बैंक मोड़ थानेदार ने अधिवक्ता से कहा कि वह लिखित में एफिडेविट दें कि संबंधित केस में प्रिंस बेल पर है. अधिवक्ता को कहा गया कि अगर गलती हुई तो आप पर भी कानूनी कार्रवाई होगी. लाइसेंस भी कैंसिल हो सकता है. अधिवक्ता ने कहा कि सही तो सही है, और लिखित दे दी. थानेदार के आदेश पर पुलिस जवानों ने घर से निकाले गये टीवी, बेड शीट समेत अन्य सामान अंदर रख दिये. पुलिस अधिकारियों का कहना था कि वह नियमत: चाहें तो कुर्की कर सकते हैं. कोर्ट के कागज हैं. अगर अभियुक्त चाहे तो कोर्ट में शिकायत कर सकता है. पुलिस कोर्ट में जबाव देगी. प्रिंस की मां ने गाड़ी की चाबी मांगी तो पुलिस वालों ने लौटा दी. पुलिस टीम एक बजकर 29 मिनट पर लौट गयी.
2015 का था कुर्की वारंट
बैंक मोड़ थाना कांड संख्या 452-11 में प्रिंस के खिलाफ वर्ष 2015 की जनवरी में कुर्की वारंट निर्गत था. वासेपुर लाला टोला निवासी सुधांशु लाला की शिकायत पर दर्ज केस में मारपीट का आरोप है. मारपीट के समय प्रिंस नाबलिग था. मामला जुवेनाइल बोर्ड में चल रहा है. मामले में वर्ष 2014 में प्रिंस के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट निर्गत हुआ. वर्ष 2015 की जनवरी में कुर्की वारंट भी निर्गत हुआ. इस दौरान प्रिंस पर सीसीए लगा. प्रिंस पलामू जेल में वर्ष 2014 में बंद था. पलामू से धनबाद जेल आया तो बैंक मोड़ समेत एक अन्य केस में कस्टडी में आ गया. जुवेनाइल बोर्ड से प्रिंस को बेल मिली. केस अभी गवाही पर है. प्रिंस पिछले साल भी जेल गया था. इस दौरान पुलिस ने संबंधित केस में कस्टडी लेने व कुर्की वारंट के बारे में छानबीन नहीं की. कुर्की पुलिस फाइल की शोभा बढ़ा रही थी.
बहू को धक्का देने का आरोप
प्रिंस की मां नासरीन ने आरोप लगाया कि पुलिस घर में घुसकर उसकी बहू को धक्का दे दी है. वह हार्ट की पेसेंट है. तबीयत खराब हो गयी है. फोटो वाले रुकिये, डॉक्टर आ रहे हैं, फोटो खींचिएगा. थानेदार समेत अन्य अफसर इस आरोप को झूठा बताते हुए नाराज हो गये. पुलिस अफसरों का कहना था कि अब तो कुर्की होनी ही चाहिए. अधिवक्ता उदय भट्ट व शहबाज सलाम ने थानेदार समेत अन्य पुलिस अफसरों को समझाकर मामला शांत किया.
‘सब फहीम्मा का करा-धरा’
जब तक पुलिस वाले घर के सामने बैठे थे, फहीम की बहन लगातर भाई को कोस रही थी. खुदा का नाम लेकर कह रही थी, सब फहीम्मा का करा-धरा है. वह मेरे बेटों को परेशान करवा रहा है. मेरे बेटों के चलते कितने लोग वासेपुर में जीते हैं. फहीम व उसके बच्चों का भला नहीं होगा. फहीम व बच्चों पर पड़ेगा.
मुसलमान बड़ा बाबू हैं, मदद करें
नसरीन बार-बार कह रही थी कि बड़ा बाबू मुसलमान हैं. मुसलमान को तो मदद कीजिए. हिंदू तो हिंदू को मदद करता है. मुसलमानों में ऐसा क्यों नहीं होता है. थानेदार ने कहा कि चोरी-लूटने वालों की कोई मदद नहीं करता. हमलोग कानून के लिए हैं. जाति या धर्म के लिए नहीं.
पर्स में था जेवर, गोली का शक
सामान बाहर निकालने के दौरान पुलिस के हाथ एक छोटा पर्स लग गया. पुलिस को आशंका थी कि पर्स में गोली हो सकती है. महिलाएं पर्स लेने वाली एएसआइ हीरा कुमारी से भिड़ गयी. बोली कि इसके कागजात हैं. आप इसे नहीं ले सकती हैं. एएसआइ ने पर्स बाहर बैंक मोड़ थानेदार को दे दिया. बैंक मोड़ थानेदार ने देखा कि उसमें जेवर है तो लौटा दिया.