बोले पीएन सिंह
जो अधिकारी मंत्री की नहीं सुनते वे एमपी, एमएलए की क्या सुनेंगे
बेलगाम नौकरशाही की शिकायत सीएम, नेतृत्व से करेंगे
धनबाद.के सांसद पशुपति नाथ सिंह ने कहा है कि जिले में विधि-व्यवस्था बिगड़ने से जनाक्रोश बढ़ रहा है. अधिकारियों को इसे गंभीरता से लेना चाहिए. बिगड़ती विधि-व्यवस्था पर मुख्यमंत्री एवं भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से बात करेंगे.
शनिवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में सांसद ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से धनबाद में अपराध की कई घटनाएं हुई. ऐसा लग रहा है कि पुलिस का खौफ खत्म होता जा रहा है. राज्य एवं केंद्र में भाजपा की सरकार है. ऐसे में पार्टी की भी बदनामी हो रही है. कार्यकर्ताओं में भी नाराजगी है. लेकिन, सरकारी पार्टी की अपनी एक सीमा है. अपनी बातों को उचित प्लेटफॉर्म पर रखेंगे. पिछले दिनों नयी दिल्ली में सीएम को यहां की समस्या के बारे में कुछ बातें बतायी थी. जल्द ही रांची जा कर विधि-व्यवस्था पर अलग से बात करेंगे.
नौकरशाहों की मनमानी नहीं चलेगी
एक सवाल के जवाब में सांसद ने कहा कि जो नौकरशाह सरकार के मंत्री का फोन नहीं उठाते हैं, बातें नहीं सुनते हैं. वे सांसद, विधायक का क्या सुनेेंगे. लेकिन, यह नहीं चलेगा. सीएम से सारी बातें होंगी. विकास के मुद्दे पर भी सीएम से बात करेंगे. योजनाओं को अकारण लटकाने वालों की शिकायत होगी.
महिला हिंसा की बढ़ती घटनाएं चिंताजनक : राज
धनबाद के विधायक राज सिन्हा ने एक बार फिर कहा कि धनबाद में महिला हिंसा की बढ़ती घटनाएं चिंताजनक है. इस मुद्दे पर डीजीपी से बात किये हैं. जल्द ही सीएम से भी मिलेंगे. दुर्गा पूजा के पहले पुलिस को ऐसा कदम उठाना चाहिए कि लोगों में पुलिस के प्रति विश्वास जगे. जनता में अविश्वास बढ़ रहा है जो अच्छी बात नहीं है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के अधिकारियों को अफनी कार्यसंस्कृति बदलनी होगी. जन प्रतिनिधियों के पत्र का जवाब तक नहीं देने का आदत छोड़ना होगा.
अधिकारियों को अनुभव की कमी
सांसद ने कहा कि धनबाद के डीसी एवं एसएसपी को अनुभव की कमी है. एक पुलिसकर्मी की मौत के बाद उनकी पत्नी ने अनुकंपा पर सिपाही के बदले दूसरे पद पर नियोजित करने का आवेदन दिया. अनुकंपा समिति की बैठक में उक्त पुलिस कर्मी की विधवा को जूनियर टंकक के रूप में बहाल करने की अनुशंसा की गयी. बाद में एसएसपी ने डीसी को पत्र लिख कर कहा कि जूनियर टंकक की बहाली जिला अनुकंपा समिति नहीं कर सकती. ऐसा था तो बैठक में अनुशंसा ही नहीं होनी चाहिए थी. क्योंकि बैठक में डीसी, एसएसपी दोनों मौजूद थे. यह अनुभवहीनता दर्शाता है.