सत्ताधारी दल के नेता व पुलिस की मिलीभगत से धनबाद में बड़े पैमाने पर अवैध कोयला कारोबार शुरू
धनबाद में एक बार फिर से कोयला का अवैध कारोबार शुरु हो गया है. इस बार सत्ताधारी दल के एक नेता और पुलिस के एक उच्चधिकारी के संरक्षण में यह कारोबार शुरु हुआ है. कोयला के काले कारोबार में हर कोई शामिल होना चाहता है. सत्ता की बागडोर जिस दल के हाथ में होता है, उस दल के नेता इसमें संरक्षक की भूमिका में होते हैं. एक अनुमान के मुताबिक अभी धनबाद में प्रति दिन 2.50 करोड़ रुपये का अवैध कोयला कारोबार हो रहा है. यह कारोबार चलता रहे इसके लिए धनबाद जिला से लेकर रांची में सत्ता शीर्ष तक को मैनेज कर लिया गया हैं.
दो तरीके से हो रहा कोयला का अवैध कारोबार
1) आउटसोर्सिंग सबसे बड़ा हथियार
धनबाद व इसके आस-पास के क्षेत्र में जितनी भी ऑउटसोर्सिंग कंपनियां काम कर रही हैं. वो कागजी तौर पर तो बीसीसीएल के लिए काम कर रही है, लेकिन सच कुछ और ही है. दरअसल यहां से डंपर से अवैध कोयला को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जाता है. कोयले का फरजी कागजात तैयार कर ट्रकों में कोयला को बिहार, यूपी और पश्चिम बंगाल के मंडियों में पहुंचा दिया जाता है. जहां भी आउटसोर्सिंग के जरिए कोयले की खुदाई हो रही है, वहां बीसीसीएल का हस्तक्षेप काफी कम हो जाता है. ऐसे में आउटसोर्सिंग का काम करने वाली कंपनी की मर्जी से ही डंपरों में कोयले को लादा जाता है और वहां से निकाला जाता है. इससे अवैध कोयले के कारोबारियों को काफी आसानी होती है.
2) असुरक्षित बंद खदानों से अवैध कोयला खनन
बीसीसीएल और ईसीएल के ऐसे कई खदान हैं, जहां कोयले का खनन बंद हो गया है. लेकिन वहां काफी मात्रा में कोयला अभी भी है. ऐसे खदानों में वहां के आस-पास ग्रामीण खुद से कोयला काटते हैं. फिर साईकल के माध्यम से एक निश्चित जगह पर पहुंचा देते हैं. इस काम के बदले उन्हें अच्छी-खासी रकम मिल जाती है. धनबाद जिले के हजारों घरों में चूल्हा इसी कमाई से जल रहा है.
बाघमारा में कोयले का काला धंधा मानो दबंगों का मौलिक अधिकार
बाघमारा में कोयले की तस्करी इस तरह से होती है, जैसे ये यहां के दबंगों का मौलिक अधिकार हो. सिस्टम इन अवैध कारोबिरयों का इस काम में पूरा साथ देता है. यहां के गजलीटांड, मुराईडीह, सोनारडीह, तेतुलमारी, शताब्दी परियोजनाओं से बेरोक-टोक डंपर में कोयला लाद कर निकाला जाता है. गौर करने वाली बात यह है कि इन सभी डंपरों के पास एक नंबर का पेपर होता है. सीना ठोक कर डंपर ड्राइवर कोयले से लदा डंपर पश्चिम बंगाल लेकर जाते हैं. वहां पुरुलिया में कोयला डंप करते हैं और नकदी लाकर सीधा अपने आका के हाथों में रख देते हैं. दोबारा से फिर उसी पेपर पर कोयला उठाया जाता है और इस बार सही जगह कोयले को गिराया जाता है.
बरवाअड्डा में धंधे के हैं कई रास्ते
अवैध कोयला कारोबार के लिए धनबाद जिले का बरवाअड्डा थाना क्षेत्र सबसे बदनाम इलाका है. हाल के दिनों में लोहार बरवा के एक हार्डकोक भट्ठा में रात के अंधेरे में कोयला उठाया जा रहा था. आस-पास के लोगों ने कई बार इसकी जानकारी पुलिस को दी. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. बरवाअड्डा थाना क्षेत्र में बीसीसीएल के गोंदूडीह, इस्ट बसुरिया, एरिया तीन और चार, सिजुआ और गोविंदपुर के कोलियरी से कोयला चोरी कर साइकल के माध्यम से लोहार बरवा मंडल टोला लाया जाता है. एक जगह कोयले को डंप किया जाता है. यहां से जीटीरोड महज 200 मीटर की दूरी पर है. इसका फायदा उठाकर अवैध कारोबारी आसानी से ट्रक को अंदर लाते हैं. रात के अंधेरे में कायला लोड करते हैं और ट्रक को जीटी रोड पकड़ा देते हैं. जीटी रोड पर स्थित सभी थानों की पुलिस पहले से ही सेट रहती है.
बरवाअड्डा में वी मंडल के प्राइवेट गार्ड देते हैं सुरक्षा
बरवाअड्डा में सत्ताधारी दल के एक नेता की दबंगई चरम पर है. प्रभात खबर द्वारा प्रकाशित खबर में उस नेता का नाम वी मंडल है. उसने कोयला का अवैध कारोबार करने के लिए बकायदा प्राइवेट गार्ड की तैनाती रक दी है. गार्ड अपनी सुरक्षा में साइकल से लदे कोयले को सही जगह पहुंचाने का काम करते हैं. बरवाअड्डा में कोयला का अवैध कारोबार का एक और तरीका है, वह यह कि कोयला लदे डंपर के ड्राइवरों को 500-1000 देकर डंपर से एक से डेढ़ टन कोयला निकाल कर जमा करना. फिर ट्रक के जरीये कोयला का बाहर भेजना.
निरसा में सारे दबंग लगे हैं तस्करी में
दैनिक अखबार प्रभात खबर ने इस मामले में शनिवार को एक खबर प्रकाशित किया है. जिसमें दावा किया है कि निरसा के हरियाजाम, पंचेत, कालूबथान के कोलियरी क्षेत्रों में बीसीसीएल और ईसीएल की बंद पड़ी खदानों में धड़ल्ले से अवैध खनन जारी है. हरियाजाम थाना क्षेत्र में एस राय नाम के एक दबंग की तूती बोलती है. कुल नौ लोगों का सिंडीकेट अवैध कोयला व्यापार को चला रहा है. इस सिंडिकेट को धनबाद के एक विधायक का संरक्षण मिल हुआ है. नदी किनारे खदानों से जो भी कोयला निकाला जा रहा है, वह किसी एम सिंह की देख रेख में निकाला जा रहा है. कालूबथान में दो निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के संरक्षण में अवैध खनन, कोयले की खरीद और बिक्री जारी है. अखबार का दावा है कि बीजेपी के एक और रसूखदार नेता के करीबी संबंधी बड़े पैमाने पर कोयले की अवैध तस्करी में शामिल हैं. इस नेता के इशारे पर दिखावे के लिए पुलिस ने एक दूसरे दबंग कोयला कारोबारी सिंह जी के डीपो में छापेमारी का काम किया था.
बीडीओ और मुखिया की भी इनके आगे नहीं चलती
शिवलीबाड़ी उत्तर पंचायत के संजय नगर और अली मोहल्ला के पास कोयले की तस्करी करने वाले सुरंग बना कर कोयले का खनन कर रहे हैं. मामले की जानकारी जब वहां के मुखिया को हुई तो उसने लिखित रूप से इसकी शिकायत बीडीओ को की. बीडीओ ने फौरन कार्रवाई करते हुए मुगमा क्षेत्र के जीएम को स्थल भरायी का आग्रह किया. लेकिन प्रबंधन ने इस बाबत किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की. माना जा रहा है कि किसी भी दिन वहां एक बड़ा हादसा हो सकता है.