व्यवस्था पर सवाल. नगर निगम में तीन घंटे तक चला हाइवोल्टेज ड्रामा
टायर मामले की जांच के लिए बनी कमेटी
दोषियों पर होगी कार्रवाई
सवाल व्यवस्थागत है. मेयर निगर निगम ही नहीं, शहर का प्रथम व्यक्ति. उनके वाहन में टायर तो लगा दिये गये, पर स्वीकृति लेने में चार माह से अधिक समय लग गये. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि आम जनता की फाइल कैसे यहां सरकती है.
महज 44 हजार रुपये के लिए शुक्रवार को मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल की गाड़ी का टायर खोल लिया गया. यह सब नगर निगम परिसर में हुआ. लगभग तीन घंटे तक नगर निगम में इसको लेकर हाई वोल्टेज ड्रामा चला. निगम के आला अधिकारी एक दूसरे पर दोषारोपण करते रहे. बिना एप्रुवल लिए कैसे टायर लगाया गया. आखिर एप्रुवल में चार माह विलंब क्यों हुआ. इन सभी बिंदुओं पर जांच होगी. जांच में जो दोषी होंगे उन पर कार्रवाई होगी.
क्या है मामला
मेयर जिस स्कॉर्पियो पर चलते हैं वह नगर निगम की है. उसमें सभी टायर नये लगाये गये थे, जिसकी कीमत 44 हजार रुपये थी. लेकिन फाइल में एप्रुवल नहीं लिया गया था. लंबे समय से सप्लायर टायर वर्ल्ड का पैसा बकाया चल रहा था. सप्लायर की ओर से पैसा को लेकर लगातार प्रेशर बनाया जा रहा था. टायर का एप्रुवल नहीं मिलने के आलोक में अभियंत्रण शाखा के सहायक अभियंता अमित कुमार ने मेयर के ड्राइवर को आज सभी नये टायर को खोल कर पुराने टायर लगाने को कहा. ड्राइवर ने मेयर को इसकी जानकारी दी तो उन्होंने ड्राइवर को चारों टायर खोलने का आदेश दे दिया. ड्राइवर ने भी पोर्टिको में गाड़ी लगा कर चारों टायर खोल दिये. पुराना टायर लगाने की प्रक्रिया चल ही रही थी कि मामले की जानकारी नगर आयुक्त को हुई. उन्होंने तुरंत फाइल में एप्रुवल दिया. इसके बाद मेयर की गाड़ी में नये टायर लगा दिये गये.
धनबाद की जनता का अपमान है : मेयर
मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल ने कहा कि घटना के लिए नगर निगम प्रशासन जिम्मेवार है. निगम की कार्यप्रणाली ठीक नहीं है. इससे स्पष्ट होता है कि निगम प्रशासन अपने फायदे के लिए काम करता है. अचानक शुक्रवार को सहायक अभियंता अमित कुमार आये और कहने लगे कि सप्लायर टायर का पैसा मांग रहा है. निगम से टायर का एप्रुवल नहीं मिल रहा है. इस पर मैंने ही गाड़ी का टायर खोलने का आदेश दिया. यह मेरा नहीं बल्कि धनबाद की जनता का अपमान है
बुरे फंस गये सहायक अभियंता
नगर निगम के पॉलिटिक्स में सहायक अभियंता अमित कुमार बुरी तरह फंस गये. डीएमसी के आदेश पर मेयर की गाड़ी में पुराना टायर लगाकर फोटो लेना चाहते थे लेकिन मामला तूल पकड़ लिया. अधिकारी का आदेश था कि जो भी टायर बदले पहले गाड़ी में लगे टायर का फोटो लें, उसके बाद एप्रुवल लेने के बाद नया टायर लगायें. मेयर की गाड़ी में नया टायर लगा चुके थे. आज नया टायर हटाकर पुराना टायर का फोटो लेना चाहते थे. लेकिन मामला बीच में ही फंस गया.
मामला का काफी दुखद है. माननीय की गाड़ी का टायर खोलने संबंधी मुझे जानकारी नहीं थी. किसके आदेश पर टायर खोला गया. मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की गयी है. जांच में जो भी दोषी होंगे उस पर सख्त कार्रवाई होगी.
मनोज कुमार, नगर आयुक्त