धनबाद. नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा (आरटीइ) अधिनियम, 2009 के तहत पहली से आठवीं कक्षा तक के शिक्षक-शिक्षिकाओं का प्रशिक्षित होना अनिवार्य है. अप्रशिक्षित शिक्षक इन कक्षाओं में नहीं पढ़ा सकते हैं. बावजूद जिले में करीब 881 शिक्षक-शिक्षिकाएं आज भी अप्रशिक्षित हैं. सरकारी प्रारंभिक स्कूलों में करीब 16 सहायक शिक्षक अप्रशिक्षित हैं और कई पारा शिक्षक भी अप्रशिक्षित हैं. इसके साथ ही कई निजी स्कूलों में भी अप्रशिक्षित शिक्षक बच्चों को पढ़ा रहे हैं. अब इन्हें प्रशिक्षित होने का अंतिम मौका दिया जा रहा है. पारा शिक्षक हों, सरकारी शिक्षक हों या निजी स्कूल के ही शिक्षक हों, सभी को डिप्लोमा इन इलेमेंट्री एजुकेशन का कोर्स पूरा करना होगा.
15 तक होगा रजिस्ट्रेशन : जो पारा शिक्षक डीपीइ कर रहे थे और परीक्षा में असफल रहे थे या किसी कारण डीपीइ पूरा नहीं कर सके, वे अब डीपीइ का कोर्स नहीं कर सकेंगे. उन्हें भी डिप्लोमा इन इलेमेंट्री एजुकेशन के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा. इसी तरह सरकारी प्रारंभिक स्कूलों के अप्रशिक्षित शिक्षक, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों की शिक्षिकाओं एवं निजी स्कूलों के अप्रशिक्षित शिक्षक-शिक्षिकाओं को रजिस्ट्रेशन कराना होगा. रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि 15 सितंबर है. रजिस्ट्रेशन की विस्तृत जानकारी के लिए सर्व
शिक्षा अभियान कार्यालय, धनबाद से भी संपर्क किया जा सकता है.
स्कूलों से मांगा ब्योरा : जिला शिक्षा विभाग की ओर से सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त व सभी कोटि के निजी स्कूलों से अप्रशिक्षित शिक्षक-शिक्षिकाओं का ब्योरा मांगा गया है. कहा गया है कि अप्रशिक्षित शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए 31 मार्च 2019 तक का समय दिया गया है. अप्रशिक्षित शिक्षकों का डाटाबेस तैयार किया जायेगा.